नई दिल्ली। कांग्रेस (Congress) ने छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कई स्थानों पर प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) (ईडी ED) की छापेमारी (raids) को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह प्रतिशोध एवं उत्पीड़न की राजनीति है जिसके सामने वह झुकने वाली नहीं है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह सवाल भी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘पसंदीदा उद्योगपति’ गौतम अडाणी की जांच क्यों नहीं की जा ही है जबकि उनके ‘गैरकानूनी कारनामे’ रोजाना सामने आ रहे हैं? उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यह प्रतिशोध और उत्पीड़न की राजनीति है। हमारे अधिवेशन से तीन दिन पहले कई साथियों के यहां छापे मारे गए हैं। इस धमकी की राजनीति से हम झुकने वाले नहीं हैं।
रमेश ने कहा कि हमारा पूर्ण अधिवेशन होकर रहेगा। यह कार्रवाई हमारे लिए बूस्टर डोज है। हम डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने अडाणी समूह से जुड़े मामले का हवाला देते हुए सवाल किया कि हमारे देश का सबसे बड़ा घोटाला है जिससे प्रधानमंत्री खुद जुड़े हैं। प्रधानमंत्री के पसंदीदा उद्योगपति गौतम अडाणी के गैरकानूनी कारनामे रोज सामने आ रहे हैं। इसकी जांच क्यों नहीं होती? रमेश का कहना था, हम ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के माध्यम से जो परिवर्तन लाए हैं, वो बरकरार रहेगा। उन्होंने कहा, ‘यह अमृतकाल नहीं, अघोषित आपातकाल है।’
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने दावा किया कि 2014 के बाद से ईडी छापे की जितनी कार्रवाई हुई है उनमें से 95 प्रतिशत कार्रवाई विपक्षी दलों एवं उनके नेताओं को निशाना बनाकर की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के लिए ईडी का मतलब ‘एलिमिनेटिंग डेमोक्रेसी’ (लोकतंत्र खत्म करना) है।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने कोयला लेवी धनशोधन मामले में जारी जांच के तहत सोमवार को कांग्रेस नेताओं से जुड़े परिसरों सहित छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह छापेमारी राज्य की राजधानी रायपुर में 24-26 फरवरी तक कांग्रेस के तीन दिवसीय पूर्ण अधिवेशन से पहले हुई है। राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है। (भाषा)