नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की न्यायाधीश न्यामूर्ति हिमा कोहली (Justice Hima Kohli) ने कहा है कि आपातकालीन मध्यस्थता (emergency arbitration) के लिए देश में काफी संभावनाएं हैं और विधायिका को इसे बढ़ावा देने व विनियमित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।
न्यायमूर्ति कोहली ने ‘दिल्ली आर्बिट्रेशन वीकेंड’ (‘Delhi Arbitration Weekend’) कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आपातकालीन मध्यस्थता (ईए) विवादों को दूर करने के लिए एक त्वरित व उचित समाधान प्रदान करती है और यह देरी व खर्चों को कम करने में मदद कर सकती है। उन्होंने कहा, ‘ईए के लिए भारत में काफी संभावनाए हैं। इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, सरकार के लिए यह आवश्यक है कि वह भारत में ईए के वास्ते कानून बनाने, बढ़ावा देने और विनियमित करने के लिए कदम उठाए। इसमें मध्यस्थता और सुलह अधिनियम में संशोधन, मानक प्रक्रियाओं की शुरुआत, एक समर्पित ईए ट्रिब्यूनल की स्थापना, ईए के लाभों के बारे में जागरूकता व शिक्षा को बढ़ावा देना शामिल हो सकता है।”
दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (Delhi International Arbitration Center) द्वारा आयोजित ‘दिल्ली आर्बिट्रेशन वीकेंड’ बृहस्पतिवार से दिल्ली उच्च न्यायालय में चल रहा है और रविवार को समाप्त होगा। (भाषा)