नई दिल्ली। नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें उन्होंने बताया कि उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु से आए प्रतिनिधियों के हाथों से सेंगोल लेंगे और उसे संसद भवन में रखेंगे। इसे स्पीकर के आसन के पास रखा जाएगा। गौरतलब है कि सेंगोल एक तरह का राजदंड है, जो देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने आजादी के बाद सत्ता हस्तांतरण के समय स्वीकार किया था। शाह ने प्रेस कांफ्रेंस में विपक्षी पार्टियों से बहिष्कार की अपील वापस लेने और उद्घाटन में शामिल होने की अपील की।
उन्होंने कहा- नए संसद भवन को 60 हजार श्रमयोगियों ने रिकॉर्ड समय में बनाया है। इसलिए प्रधानमंत्री इस मौके पर सभी श्रमयोगियों का सम्मान भी करेंगे। उन्होंने विपक्षी पार्टियों से कहा- इसे राजनीति से ना जोड़ें। राजनीति तो चलती रहती है। हमने सबको आमंत्रित किया है। हमारी इच्छा है कि सभी इस कार्यक्रम में हिस्सा लें। गौरतलब है कि देश की 19 विपक्षी पार्टियों ने संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।
बहरहाल, अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस सेंगोल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अंग्रेजों से सेंगोल स्वीकार किया था। उन्होंने कहा- यह सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक है। यह सदियों पुरानी परंपरा है, जिसे तमिल भाषा में सेंगोल कहा जाता है। आजादी के 75 साल बाद भी जनता को इसकी जानकारी नहीं है। इसे प्रयागराज के संग्रहालय में रखा गया था।
शाह ने कहा- सेंगोल को संग्रहालय में रखना ठीक नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने सेंगोल के बारे में रिसर्च करवाई। इसके बाद इसे देश के सामने संसद भवन में स्पीकर की कुर्सी के बगल में रखने का फैसला किया गया। मोदी तमिलनाडु से आए एक प्रतिनिधि से सेंगोल लेंगे और नए संसद भवन के उद्घाटन के दिन इसे भवन में रखेंगे। सेंगोल का अर्थ होता है- संपदा से संपन्न।