नई दिल्ली। बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी के लिए बजट पेश करते हुए दिल्ली के वित्त मंत्री (Finance Minister) कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot) ने कहा कि यह स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों के अलावा शहर के बुनियादी ढांचे, स्वच्छता और परिवहन सुविधाओं को बढ़ाने पर केंद्रित है।
गहलोत ने घोषणा की है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्थानीय निकायों को 8,241 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। उन्होंने शहर में नई फ्लाईओवर परियोजनाओं के लिए 722 करोड़ रुपये और डबल डेकर फ्लाईओवर के लिए 320 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा। शहर के बुनियादी ढांचे के लिए व्यापक योजना पेश करते हुए गहलोत ने घोषणा की कि इस वित्तीय वर्ष में 1,400 किलोमीटर लंबी पीडब्ल्यूडी सड़क का उन्नयन और सौंदर्यीकरण किया जाएगा। साथ ही 26 नए फ्लाईओवर और अंडरपास बनाए जाएंगे। उन्होंने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के सहयोग से तीन डबल डेकर फ्लाईओवर की भी घोषणा की।
गहलोत ने अपने बजट में कहा कि इस वित्त वर्ष में 1600 इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाएंगी। आईएसबीटी को विश्वस्तरीय स्तर पर अपग्रेड करने के साथ ही उन्होंने नौ नए बस डिपो की घोषणा की। दिल्ली में देश में सबसे अधिक इलेक्ट्रिक बसें होंगी। 2025 के अंत तक 80 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसों के साथ 10,400 बसों का बेड़ा होगा जो 4,60,000 टन कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा।
गहलोत ने कहा, नौ मीटर प्रदूषण मुक्त इलेक्ट्रिक बसों के साथ समर्पित अंतिम मील कनेक्टिविटी के लिए मोहल्ला बस योजना शुरू की जाएगी। वित्त मंत्री ने यमुना नदी के लिए सिक्स-प्वाइंट एक्शन प्लान की भी घोषणा की। गहलोत ने सदन को आश्वासन दिया कि अगले दो वर्षों में तीनों लैंडफिल स्थलों से कचरा साफ कर दिया जाएगा।
गहलोत ने कहा कि लैंडफिल की सफाई के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को 850 करोड़ रुपये का कर्ज देने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा, एमसीडी के साथ काम करते हुए तीनों लैंडफिल साइट्स को दो साल के भीतर गिरा दिया जाएगा। ओखला लैंडफिल साइट दिसंबर 2023 तक, भलसुआ लैंडफिल साइट मार्च 2024 तक और गाजीपुर लैंडफिल साइट दिसंबर 2024 तक हटा दी जाएगी।