मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, एनसीपी के संस्थापक अध्यक्ष शरद पवार ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मंगलवार को एक कार्यक्रम में सबको चौंकाते हुए अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान कर दिया है। हालांकि पार्टी के नेता इस्तीफा वापस लेने के लिए उनको मनाने का प्रयास कर रहे हैं। पवार ने कांग्रेस पार्टी से अलग होकर 1998 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठन किया था। उसके बाद से उनकी पार्टी 10 साल तक केंद्र में और 15 साल तक महाराष्ट्र की सत्ता में रही। 2014 में केंद्र और राज्य की सत्ता से बाहर होने के बाद से लगातार पवार की पार्टी और परिवार में खींचतान की खबरें आती रही हैं। उनका इस्तीफा इसी खींचतान से जुड़ा है।
बहरहाल, शरद पवार ने यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में अपनी आत्मकथा के विमोचन के कार्यक्रम में अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान किया। पवार ने कहा- मैंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया है। इसके साथ ही उन्होंने आगे की रणनीति बनाने और नया अध्यक्ष चुनने के लिए वरिष्ठ नेताओं का एक पैनल बनाने की घोषणा भी की। अध्यक्ष पद छोड़ने के ऐलान के बाद पार्टी में उन्हें मनाने की कोशिशें तेज हो गई है। एनसीपी नेता और उनके भतीजे अजित पवार ने कहा कि शरद पवार ने कहा है कि वे अपने फैसले पर पुनर्विचार करेंगे। उन्होंने इसके लिए दो-तीन दिन का वक्त मांगा है।
अजित पवार ने कहा- शरद पवार के फैसले के बाद हम सभी भावुक हो गए और उन्हें घंटों तक रोके रखा और फिर से विचार करने की मांग की। देर हो रही थी इसलिए हमने शरद पवार को घर चलने को कहा। हालांकि, पार्टी कार्यकर्ताओं का विरोध जारी रहा। बताया जा रहा है कि बाद में कई नेता उनसे मिलने के लिए गए और उन्हें बताया कि राज्य भर में क्या हो रहा है। असल में उनके इस्तीफे के बाद पूरे राज्य में एनसीपी कार्यकर्ता प्रदर्शन करने लगे और कई जिला अध्यक्षों ने भी इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया।
बाद में अजित पवार ने बताया कि शरद पवार ने कहा कि उन्हें अपने फैसले पर फिर से विचार करने के लिए दो से तीन दिन चाहिए, लेकिन वे ऐसा तभी करेंगे जब कार्यकर्ता प्रदर्शन बंद कर अपने घर चले जाएं। अजित पवार ने कहा- हमने पवार साहब से कहा कि कार्यकर्ता नाखुश हैं, आप अध्यक्ष बनिए और कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कीजिए। उन्होंने हमारी बात सुनी और फिर हमें यहां वापस आने और यहां बैठे कार्यकर्ताओं से बात करने को कहा।
गौरतलब है कि पिछले दिनों अजित पवार के भाजपा के साथ जाने की चर्चा हुई थी। उसके बाद शरद पवार ने कहा था कि रोटी को पलटते रहना चाहिए नहीं तो रोटी जल जाती है। उन्होंने यह भी कहा था कि रोटी को पलटने का वक्त आ गया है। तब कहा गया था कि वे एनसीपी के संगठन में बड़ा बदलाव करने वाले हैं। बाद में अजित पवार ने यह भी कहा था कि एनसीपी में नए नेताओं को आगे लाने की परंपरा रही है।