नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में नगर निगम चुनाव के नतीजे आने के डेढ़ महीने बाद भी मेयर और स्थायी समितियों का चुनाव नहीं हो पाया है। मंगलवार को दूसरी बार सदन के अंदर सदस्यों के हंगामे की वजह से मेयर का चुनाव टल गया। सदस्यों के हंगामे को देखते हुए मंगलवार को दिल्ली के मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनावों की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई। गौरतलब है कि सात दिसंबर को आए नतीजों में आम आदमी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला है लेकिन भाजपा का दावा है कि मेयर उसका बनेगा।
बहरहाल, सिविक सेंटर में, जहां सदन की कार्रवाई चल रही थी वहां वोटिंग शुरू होते ही भारी हंगामा शुरू हो गया। आम आदमी पार्टी और भाजपा के सदस्यों ने नारेबाजी की। सदस्य बैरिकेड्स पर चढ़ गए और एक दूसरे पर बोतलें फेंकी। हंगामे के कारण सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके पहले एमसीडी में 10 मनोनीत सदस्यों को शपथ दिलाई गई। आप नेताओं ने इस पर भी आपत्ति की थी। उनका कहना था कि पहले चुने गए सदस्यों को शपथ दिलाई जाती है। पिछली बार छह जनवरी को मेयर के चुनाव के लिए सदन की बैठक हुई थी लेकिन उस दिन भी हंगामे के कारण कार्रवाई स्थगित हो गई थी।
मंगलवार को मनोनीत सदस्यों को पहले शपथ दिलाई गई। इसके विरोध में आप नेताओं ने नारेबाजी की। भाजपा नेताओं ने भी जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारे लगाए। केंद्रीय मंत्री और नई दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि बहुत दुख का विषय है कि वोट डालने के लिए सभी बैठे थे लेकिन फिर हंगामा हो गया। ऐसा नहीं होना चाहिए, लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन होना चाहिए। गौरतलब है कि दिल्ली के सात लोकसभा और तीन राज्यसभा सांसद भी मेयर के चुनाव में वोट डालते हैं।
चुनाव की प्रक्रिय स्थगित होने के बाद दोनों पार्टियों ने एक दूसरे पर चुनाव से भागने का आरोप लगाया। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि एमसीडी में बहुमत होने के बावजूद आम आदमी पार्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव से भाग रही है। दूसरी ओर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि बीजेपी मेयर के चुनाव से भाग रही है, उन्हें पता है कि आप मेयर उस काम में तेजी लाएगी जो बीजेपी नहीं कर पाई। गौरतलब है कि आप ने मेयर पद के लिए शैली ओबेरॉय और भाजपा ने रेखा गुप्ता को मैदान में उतारा है।