नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नगर निगम के चुनाव के नतीजे आए दो महीने होने जा रहे हैं पर अभी तक न तो मेयर का चुनाव हुआ है और न स्थायी समितियों का गठन हुआ है। नतीजों के बाद दो बार मेयर चुनने के लिए निगम की बैठक हुई लेकिन दोनों बार सदस्यों के हंगामे और हाथापाई की वजह से चुनाव नहीं हो सका। अब दिल्ली सरकार के सुझाव पर छह फरवरी को मेयर के चुनाव की तारीख रखी गई है।
दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। अब छह फरवरी को दिल्ली नगर निगम में मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव होगा। मेयर के चुनाव की तारीख के ऐलान के बाद उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा- दिल्ली के लोग एमसीडी के शासन में बीजेपी से दुखी थे। अरविंद केजरीवाल की गारंटी पर भरोसा करके दिल्ली के लोगों ने एमसीडी में सरकार बनाने के लिए आप को वोट दिया। दिल्ली के लोगों ने 15 साल के शासन के बाद बीजेपी को हराया है। अब बीजेपी साजिश करके मेयर के चुनाव को रोक रही है। सिसोदिया ने आगे कहा- उम्मीद है कि भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र का सम्मान करते हुए छह फरवरी को मेयर का चुनाव होने देगी।
गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर का चुनाव दो बार हंगामे के कारण रद्द किया जा चुका है। सबसे पहले पांच जनवरी को नए सदस्यों की पहली बैठक में आप और भाजपा पार्षदों के बीच जोरदार हंगामा हुआ, जिसके बाद सदन की कार्यवाही रद्द कर दी गई। फिर 24 जनवरी को भी ऐसा ही हंगामा हुआ, जिसके बाद दिल्ली नगर निगम का सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। गौरतलब है कि चुनाव में आम आदमी पार्टी को पूर्ण बहुमत है। मेयर के लिए आम आदमी पार्टी ने शैली ओबेरॉय को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा की ओर से रेखा गुप्ता मैदान में हैं। वहीं, डिप्टी मेयर के लिए आप ने मोहम्मद आले इकबाल और बीजेपी ने कमल बागड़ी को उम्मीदवार बनाया है।