नई दिल्ली। नौ महीने से जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस्तीफा दे दिया है। उनके साथ ही उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इस्तीफा दे दिया है। सिसोदिया रविवार को गिरफ्तार हुए थे और सोमवार को अदालत ने उनको पांच दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेजा। इसके अगले दिन मंगलवार को उन्होंने इस्तीफा दे दिया। हवाला मामले में जेल में बंद सत्येंद्र जैन जेल में रहने के बावजूद नौ महीने तक मंत्री बने रहे थे। बताया जा रहा है कि केजरीवाल ने दोनों मंत्रियों का इस्तीफा मंजूर कर लिया है।
मनीष सिसोदिया ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजे गए इस्तीफे में लिखा है- मैं इसे अपना बहुत बड़ा सौभाग्य समझता हूं कि मुझे आपके नेतृत्व में आठ साल तक दिल्ली सरकार के मंत्री के तौर पर काम करने का मौका मिला है। दिल्ली के लोग इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि इन वर्षों के दौरान एक मंत्री के तौर पर मैंने अपने काम को पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ किया है।
सिसोदिया ने लिखा है- यह बेहद दुखद है कि ईमानदारी और निष्ठा के साथ काम करने के बावजूद मेरे ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं। ये आरोप कायर और कमजोर लोगों की साजिश से ज्यादा कुछ नहीं है। इनका निशाना मैं नहीं हूं इनका निशाना अरविंद केजरीवाल हैं। उन्होंने लिखा है- झूठे और बेबुनियाद आरोपों के तहत अब मुझे जेल में डाल दिया है तो चाहता हूं अब मैं मंत्री पद पर ना रहा हूं। फिलहाल इस पत्र के जरिए मैं अपना त्यागपत्र आपको प्रस्तुत कर रहा हूं। आपके आग्रह है कि मेरा त्यागपत्र स्वीकार करके मुझे मंत्री पद की जिम्मेदारियों से मुक्त करें।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया ही आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं। उनके पास दिल्ली सरकार के कुल 33 में से 18 विभाग हैं। नौ महीने पहले जब सत्येंद्र जैन गिरफ्तार करके तिहाड़ जेल भेजे गए तब से सिसोदिया अपने विभागों के साथ ही उनके विभागों का काम भी देख रहे थे। उनके जेल जाने के बाद केजरीवाल की मजबूरी है कि कैबिनेट का विस्तार करें। हालांकि अभी तुरंत मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होगा। बताया जा रहा है कि सिसोदिया के विभागों का काम कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद के बीच बांटा जाएगा। यह भी कहा जा रहा है कि कैलाश गहलोत ही दिल्ली सरकार का अगला बजट पेश करेंगे।