नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सीबीआई हिरासत को अदालत ने दो दिन के लिये और बढ़ा दी है। अदालत नेसीबीआई को उन्हें फिर सोमवार को पेश करने का निर्देश दिया।
सिसोदिया ने अदालत से कहा कि यों सीबीआई हिरासत में उनके साथ अच्छा व्यवहार कर रही है, लेकिन बार-बार एक ही सवाल पूछे जाने से ‘मानसिक प्रताड़ना’ हो रही है। इसके बाद विशेष न्यायाधीश एम. के. नागपाल ने सीबीआई से कहा कि वह उनसे बार-बार एक ही सवाल न पूछे।
सिसोदिया ने कहा, ‘वे ‘थर्ड-डिग्री’ का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। लेकिन आठ से नौ घंटे बैठना और एक ही सवाल का बार-बार जवाब देना, वह भी मानसिक प्रताड़ना है।’ न्यायाधीश ने पिछली सुनवाई पर सीबीआई को आरोपी पर ‘थर्ड डिग्री’ का इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश दिया था। न्यायाधीश ने जांच एजेंसी से कहा कि ‘एक ही सवाल बार-बार न पूछें। यदि आपके पास कुछ नया है, तो उनसे पूछें।’
इससे पहले, सीबीआई ने सिसोदिया की और तीन दिन के लिये हिरासत मांगी थी। हालांकि, अदालत ने फिलहाल सिसोदिया की सीबीआई हिरासत दो दिन के लिये ही बढ़ाई। सिसोदिया के वकील ने सीबीआई की याचिका का विरोध किया। वकील ने कहा कि जांच पूरी करने में एजेंसी की अक्षमता हिरासत का आधार नहीं हो सकती और उन्हें खुद को दोषी मानने के लिए नहीं कहा जा सकता है।
सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने कहा, सहयोग नहीं करना हिरासत का आधार नहीं हो सकता। वे यह नहीं कह सकते कि हम उनके अपराध कबूल करने तक इंतजार करेंगे। उन्हें जांच पूरी करनी चाहिए थी। जांच पूरी करने में उनकी अक्षमता हिरासत का आधार नहीं हो सकती।
इस बीच, अदालत ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया और उसे 10 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया, जब वह आवेदन पर दलीलें सुनेगी। अपने आवेदन में, सिसोदिया ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा बुलाए जाने पर वह जांच में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि उन्हें हिरासत में रखने से कोई सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य अभियुक्तों को पहले ही जमानत दी जा चुकी है। गौरतलब है कि सीबीआई ने साल 2021-22 की आबकारी नीति तैयार करने और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में रविवार शाम सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था।