इंफाल। मणिपुर में शांति बहाली के लिए सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी का कुकी समुदाय बहिष्कार करेगा। गौरतलब है कि मणिपुर में कुकी और मैती समुदाय के बीच तीन मई से हिंसा का दौर चल रहा है, जिसमें अब तक एक सौ से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इस हिंसा को रोकने के लिए सरकार ने एक सौ लोगों की एक शांति कमेटी बनाई है। लेकिन इसमें मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को शामिल किए जाने के विरोध में कुकी समुदाय के लोगों ने इसका बहिष्कार करने का फैसला किया है।
बताया जा रहा है कि कुकी समुदाय इस बात से नाखुश है कि समिति में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और उनके समर्थकों को शामिल किया गया है। कुकी प्रतिनिधियों ने कहा कि वे पैनल का बहिष्कार करेंगे, क्योंकि मुख्यमंत्री और उनके करीबियों को शांति कमेटी में शामिल करने के लिए उनकी सहमति नहीं ली गई थी। शांति समिति सदस्यों में मुख्यमंत्री, कुछ मंत्री, सांसद, विधायक और विभिन्न राजनीतिक दलों और नागरिक समाज समूहों के नेता शामिल हैं।
समिति का गठन गृह मंत्रालय की ओर से किया गया है, जिसकी आधिकारिक घोषणा 10 जून को की गई। कुकी इन्पी मणिपुर यानी केईएम के अध्यक्ष अजांग खोंगसाई ने कहा कि वे शांति वार्ता के लिए मणिपुर सरकार के साथ नहीं बैठ पाएंगे। गौरतलब है कि राजधानी इंफाल और उसके आसपास रहने वाले मैती समुदाय और पहाड़ियों में बसे कुकी समुदाय के बीच हुई हिंसक झड़पों में तीन मई से अब तक 100 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। मैती समुदाय को एसटी का दर्जा देने के प्रस्ताव के खिलाफ कुकी समुदाय सड़क पर उतरा था, जिसके बाद पूरे राज्य में हिंसा भड़की थी।