कोलकाता/लखनऊ। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता बनाने के अपने प्रयासों के तहत विपक्ष के दो बड़े नेताओं से मुलाकात की। सोमवार को वे पहले कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिले और फिर शाम में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। दोनों मुलाकातों के बाद एक साझा प्रेस कांफ्रेंस भी हुई, जिसमें ममता और अखिलेश ने विपक्षी एकता बनवाने के नीतीश के प्रयासों की तारीफ की। बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी नीतीश के साथ ममता और अखिलेश से मिले।
कोलकाता में राज्य सचिवालय नबन्ना में ममता बनर्जी से मिलने के बाद नीतीश ने कहा कि बातचीत पॉजिटिव रही। नीतीश ने कहा- 2024 लोकसभा चुनाव में सभी विपक्षी दलों का एक मंच पर आना बहुत जरूरी है। इसके लिए विपक्षी दलों को एक साथ बैठकर रणनीति बनानी होगी। ममता जी के साथ बातचीत अच्छी रही। हम आगे भी अन्य पार्टियों को साथ में लाकर बातचीत करेंगे। गौरतलब है कि बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 162 सीटें हैं, जिसमें से एक सौ सीटें भाजपा के पास हैं। इसलिए इन तीन राज्यों के नेताओं का मिलना एक बड़ी घटना है।
बहरहाल, नीतीश और तेजस्वी के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस में ममता ने कहा कि उन्हें भाजपा के खिलाफ विपक्षी गठबंधन के साथ जाने में कोई ईगो नहीं है। उन्होंने कहा- हम साथ साथ आगे बढ़ेंगे। हमें यह संदेश देना है कि हम सब एक साथ हैं। हमारा कोई व्यक्तिगत ईगो नहीं है, हम सामूहिक रूप से मिलकर काम करना चाहते हैं। ममता ने कहा- हमारे बीच विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने पर बात हुई है। मैंने नीतीश जी से यही अनुरोध किया है कि जयप्रकाश जी का आंदोलन बिहार से हुआ था तो हम भी बिहार में ऑल पार्टी मीटिंग करें।
कोलकाता में ममता बनर्जी से मिलने के बाद नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव लखनऊ पहुंचे, जहां उन्होंने समाजवादी पार्टी के कार्यालय में अखिलेश यादव से मुलाकात की। करीब एक घंटे चली इस मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी से देश को मुक्ति को चाहिए। भाजपा को निशाना बनाते हुए उन्होंने कहा- ये लोग इतिहास बदलने के चक्कर में लगे हैं और लोग इनको बदल देंगे। उन्होंने कहा- बीजेपी के खिलाफ सभी दलों को एकजुट कर रहे हैं। हम लोग चाहते हैं कि सभी पार्टियों की एक राय हो जाए। नीतीश ने कहा कि एकजुट हो जाने के बाद नेता का नाम भी तय होगा। हालांकि उन्होंने साफ किया कि वे नेता पद के दावेदार नहीं हैं। साझा प्रेस कांफ्रेंस में अखिलेश यादव ने भाजपा की आर्थिक नीतियों पर हमला किया। उन्होंने कहा- भाजपा को हटाने के लिए हम नीतीश कुमार के साथ हैं। भाजपा हटे और देश बचे, उस अभियान में हमलोग साथ साथ हैं।