नई दिल्ली। सोमवार को लगातार छठे दिन संसद के दोनों सदनों में कोई कामकाज नहीं हो सका। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में अभी तक एक भी दिन कामकाज नहीं हुआ। भाजपा और विपक्ष दोनों के हंगामे की वजह से कार्यवाही नहीं चल पा रही है। केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के नेता इस बात पर अड़े हैं कि राहुल गांधी लंदन में दिए अपने बयान पर माफी मांगे तो दूसरी ओर कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियां अदानी और हिंडनबर्ग मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति, जेपीसी बनाने की मांग कर रहे हैं।
सोमवार को सुबह कार्यवाही शुरू होने के साथ ही सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसदों ने दोनों सदनों में अपनी मांगों पर हंगामा शुरू कर दिया, जिसकी वजह से तुरंत ही दोनों सदनों की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित हो गई। भोजन के बाद दो बजे जब कार्यवाही शुरू हुई तब भी दोनों पक्षों का हंगामा जारी रहा। सत्तापक्ष और विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद ही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा की कार्यवाही कुछ देर चली। लेकिन जब हंगामा नहीं थमा तो लोकसभा को भी मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले 13 मार्च को बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हुआ था। सोमवार से शुक्रवार तक दोनों सदन लगभग पूरी तरह से ठप्प रहे। कई दिन तो ऐसा हुआ कि दो-चार मिनट में ही सत्र स्थगित हो गया। सप्ताहांत की दो दिन की छुट्टी के बाद उम्मीद की जा रही थी कि सोमवार को समझौता हो जाएगा और संसद में कामकाज होगा। लेकिन सोमवार को एक बार फिर सत्र शुरू हुआ तो हंगामा जारी रहा, जिसकी वजह से दोनों सदन स्थगित हो गए।
सोमवार को संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी पार्टियों ने कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ बैठक की। इसमें 16 पार्टियों के नेता शामिल हुए और सभी ने अदानी मामले की जांच के लिए जेपीसी गठन की मांग को लेकर आवाज उठाने पर सहमति जताई। इसके अलावा कांग्रेस सांसदों ने राहुल गांधी के घर पुलिस भेजने का मुद्दा भी संसद में उठाया जाएगा। साथ ही कांग्रेस सांसदों ने यह भी कहा कि राहुल गांधी को बोलने की इजाजत दी जाए।
बहरहाल, सोमवार को हुई विपक्ष की बैठक में भी ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के सांसद शामिल नहीं हुए। ममता बनर्जी के सांसदों ने इस मसले पर अलग से प्रदर्शन किया। पिछले हफ्ते में तृणमूल ने कांग्रेस के नेतृत्व में हो रहे विपक्ष के साझा प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लिया। संसद में छह दिन से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने के लिए फिलहाल कोई पहल नहीं हो रही है। अमित शाह ने कहा था कि अगर दोनों पक्ष स्पीकर के साथ बैठें तो हल निकल सकता है लेकिन विपक्ष ने साफ किया है कि अदानी मसले पर समझौता नहीं होगा।