बेंगलुरू। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने दो बार में 212 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है लेकिन पहली सूची जारी होने के बाद से पार्टी में जो घमासान शुरू हुआ है वह थमने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी ने अपने 19 मौजूदा विधायकों की टिकट काटी है। इससे नाराज कई नेताओं ने पार्टी छोड़ दी तो कई नेताओं के समर्थक प्रदर्शन कर रहे है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने बुधवार को और विधायक एमपी कुमारस्वामी ने गुरुवार को पार्टी छोड़ दी।
पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री केएस ईश्वरप्पा पहली सूची जारी होने से पहले ही चुनावी राजनीति से संन्यास ले चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार को टिकट नहीं मिली है, जिससे वे नाराज हैं और ऐलान किया है कि वे हर हाल में चुनाव लड़ेंगे। शेट्टार हुबली-धारवाड़ से विधायक हैं। पार्टी ने उनको मंगलवार को बताया कि उन्हें चुनाव नहीं लड़ना है। इसके अगले दिन बुधवार को वे दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले। उनकी नाराजगी अभी तक खत्म नहीं हुई है।
उडुपी से भाजपा के विधायक रघुपति भट्ट को भी इस बार पार्टी ने टिकट नहीं दिया है, जिससे वे काफी नाराज और दुखी हैं। उन्होंने कहा है कि अगर उनकी जाति की वजह से उन्हें टिकट नहीं दिया गया है तो वे इसे स्वीकार नहीं कर सकते हैं। पूर्व मंत्री केएस ईश्वरप्पा के संन्यास की घोषणा के बाद उनके चुनाव क्षेत्र शिवमोगा में नगर निगम के 19 सदस्यों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मेयर और डिप्टी मेयर ने भी पद छोड़ दिया है। शिवमोगा के जिला अध्यक्ष ने भी ईश्वरप्पा के समर्थन में इस्तीफा दिया है।