नई दिल्ली। खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल को लेकर चल रहा विवाद धीरे धीरे दुनिया के अनेक देशों में फैल रहा है। ब्रिटेन और अमेरिका के बाद अब कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय उच्चायोग और वाणिज्य दूतावास के सामने प्रदर्शन किया है। भारत ने इस पर कनाडा से कड़ी नाराजगी जताई है। नई दिल्ली में कनाडा के उच्चायुक्त को तलब कर विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक रूप से आपत्ति दर्ज कराई है।
विदेश मंत्रालय ने उनसे पूछा है कि अगर वहां सुरक्षा मौजूद थी तो प्रदर्शनकारी मिशन की इमारत तक कैसे पहुंचे? इस लापरवाही पर भारत को सख्त ऐतराज है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है- भारत सरकार ने कनाडा से जवाब मांगा है। हमने पूछा है कि पुलिस के मौजूद होते हुए भी खालिस्तानी समर्थक हमारे डिप्लोमेटिक मिशन और कौंसुलेट तक कैसे पहुंच गए। हमें उम्मीद है कि कनाडा सरकार हमारे डिप्लोमैट्स और मिशन की सुरक्षा को लेकर जरूरी कदम उठाएगी।
बागची ने रविवार को कहा- हमने कनाडा की सरकार को वियना कन्वेंशन के तहत उनकी जिम्मेदारियां याद दिलाई हैं। हमने उन्हें ऐसे लोगों को गिरफ्तार करने और उन पर मुकदमा चलाने को कहा है जो पहले से ही ऐसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। उम्मीद है कि कनाडा सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाएगी। गौरतलब है कि, 19 मार्च को कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय मिशन के बाहर प्रदर्शन किया था। इसकी वजह से भारतीय हाई कमीशन को अपना एक कार्यक्रम रद्द करना पड़ा था।
प्रदर्शन के दौरान खालिस्तान समर्थकों ने एक भारतीय मूल के पत्रकार पर भी हमला किया था। वहीं शनिवार को अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में खालिस्तानी समर्थकों का प्रदर्शन कवर कर रहे एक भारतीय पत्रकार ललित झा के साथ बदतमीजी की गई। ललित झा ने ट्विटर पर पूरी घटना का वीडियो भी शेयर किया, जिसमें खालिस्तान समर्थक भारत सरकार को गाली देते नजर आ रहे हैं।