नई दिल्ली। विश्व बैंक के बाद अब एक और अंतरराष्ट्रीय संस्था ने भारत में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की विकास दर का अनुमान कम कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की विकास दर का अनुमान 0.20 फीसदी कम कर दिया है। आईएमएफ के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में भारत की विकास दर 5.9 फीसदी रहेगी। इससे पहले उसने भारत की विकास दर 6.1 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया था।
आईएमएफ से पहले विश्व बैंक ने भी भारत की विकास दर का अनुमान कम किया है। विश्व बैंक ने कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की विकास दर 6.3 फीसदी रह सकती है। इससे पहले विश्व बैंक ने भारत की अर्थव्यवस्था के 6.6 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताया था। लेकिन अब उसने इसमें 0.30 फीसदी की कमी कर दी है। उसने कहा है कि भारत में उपभोग में कमी आने और कुछ बाहरी परिस्थितियों के चलते भारत की विकास दर धीमी रहेगी।
बहरहाल, विश्व बैंक के बाद अब आईएमएफ ने भी विकास दर का अनुमान कम कर दिया है। हालांकि उसका अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक के साढ़े छह फीसदी और विश्व बैंक के 6.3 फीसदी के मुकाबले काफी कम है। आईएमएफ ने चीन की विकास दर का अनुमान नहीं बदला है। इसके मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में चीन की विकास दर साढ़े चार फीसदी रहेगी। आईएमएफ के मुताबिक अमेरिका की अर्थव्यवस्था 1.6 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी। इसके मुताबिक यूरोजोन में विकास दर एक फीसदी से नीचे रहेगी।
महंगाई की बात करें तो आईएमएफ के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की खुदरा महंगाई 4.9 फीसदी रहेगी। दूसरी ओर विश्व बैंक का महंगाई दर का अनुमान 5.2 फीसदी का है। आईएमएफ ने कहा है कि साल 2022 में महंगाई को रोकने के लिए रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। हालांकि, बाद में रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की, जिसकी वजह से महंगाई दर में गिरावट आई है।