नई दिल्ली। अदानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट और उसके बाद शेयर बाजार में मची उथल पुथल को लेकर शुक्रवार को वित्त मंत्री और वित्त सचिव दोनों ने सफाई दी। अदानी समूह में सरकारी कंपनियों के निवेश को लेकर भी सरकार ने पक्ष रखा। गौरतलब है कि पिछले कई दिन से लगातार अदानी समूह के शेयरों में गिरावट आ रही है। इसे लेकर विपक्ष हंगामा कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि सरकारी कंपनियों का पैसे अदानी के शेयरों में निवेश कराया गया और अब वह पैसा डूब रहा है।
बहरहाल, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को एक निजी टेलीविजन चैनल से इंटरव्यू में कहा कि देश के बाजार अच्छी तरह विनियमित हैं। गौरतलब है कि अदानी समूह की बाजार पूंजी आधे से ज्यादा घट चुकी है। समूह के शेयरों में गिरावट अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की पिछले हफ्ते आई एक रिपोर्ट की वजह से हो रही है। इसमें अदानी समूह पर अकाउंट में धोखाधड़ी और कृत्रिम रूप से शेयरों की कीमतों को बढ़ाने का आरोप लगाया है।
इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने इंटरव्यू में कहा- भारत अच्छी तरह शासित देश और बेहद अच्छी तरह विनियमित बाजार बना रहा है, और मेरे विचार में एक घटना, जिसकी वैश्विक रूप से चर्चा हो रही है, इस बात का संकेतक नहीं होगी कि भारतीय वित्तीय बाजार को कितनी अच्छी तरह शासित किया गया है…। वित्त मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने विस्तृत बयान जारी करके बताया है कि उनका अदानी ग्रुप में सीमित जोखिम था और शेयर के भाव गिरने से वे ज्यादा प्रभावित नहीं होंगे। उन्होंने कहा- मुझे लगता है कि निवेशकों का जो विश्वास पहले था, वह अभी बना रहेगा।
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने अदानी समूह में सरकारी कंपनियों के निवेश के मामले में एक दूसरे निजी टेलीविजन चैनल को इंटरव्यू में कहा- अगर आप उन कंपनियों में से एक का जिक्र कर रहे हैं, जो खबरों में है, तो हम किसी कंपनी के भविष्य पर कोई टिप्पणी नहीं करते… कंपनियां अपनी ताकतों और कमजोरियों के चलते उठती और गिरती रहती हैं… मैं स्टेट बैंक और एलआईसी के बारे में जवाब दूंगा…। उन्होंने कहा- किसी भी कंपनी में एसबीआई और एलआईसी का एक्सपोजर उस स्तर से बेहद नीचे है, जहां बैंक या बीमा पॉलिसी में निवेश करने वाले किसी भी शख्स को चिंता होनी चाहिए…।