नई दिल्ली। चुनाव आयोग की ओर से एकनाथ शिंदे गुट को असली शिव सेना के तौर पर मान्यता देने के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट की ओर से चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी गई है और इस पर रोक लगाने की मांग की गई है। हालांकि चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने सोमवार को इस मामले को नहीं सुना। उन्होंने उद्धव ठाकरे गुट के वकील को मंगलवार को इसे मेंशनिंग सूची में शामिल कराने को कहा। सो, संभव है कि मंगलवार को इस पर सुनवाई हो।
बहरहाल, सोमवार को उद्धव गुट की ओर से याचिका का जिक्र करते हुए कोर्ट से जल्दी सुनवाई की मांग की गई लेकिन अदालत ने कहा कि मेंशनिंग सूची से बाहर के किसी केस पर विचार नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ मंगलवार को ही उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच चल रहे मामले में भी सुनवाई करेगा। यह मामला विधायकों की अयोग्यता पर स्पीकर के अधिकार से जुड़ा है।
सोमवार को सुबह उद्धव ठाकरे गुट की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों पीठ के सामने मामले का जिक्र किया। सिंघवी ने कहा कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण और अर्जेंट मामला है। लेकिन चीफ जस्टिस ने मामले पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि पहले आप मामले को मंगलवार की मेंशनिंग सूची में शामिल कराएं। मेंशनिंग सूची से बाहर कोई मेंशनिंग नहीं होगी। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि यह नियम वरिष्ठ कनिष्ठ सभी के लिए समान है।
गौरतलब है कि शिव सेना पर दावेदारी को लेकर विवाद पिछले साल जून में उस समय पैदा हुआ जब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पार्टी के 40 विधायकों ने उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ कर अपना नया गुट बना लिया था। साथ ही खुद को असली शिव सेना बताते हुए दावेदारी जताई थी। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को शिंदे गुट को असली शिव सेना के रूप में मान्यता दे दी। इसे चुनौती देते हुए उद्धव गुट की याचिका में कहा गया कि चुनाव आयोग ने विवाद के निपटारे का आधार पार्टी के 1999 के संविधान को बनाया, जबकि 2018 में पार्टी के संविधान में संशोधन किया गया था।