जम्मू। केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर में लगातार हो रही लक्षित हत्याओं से चिंता में है और पूरे राज्य में सुरक्षा बंदोबस्त और पुख्ता किए जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर का दौरा किया और सुरक्षा स्थितियों का जायजा लिया। उनकी समीक्षा बैठक में अगले तीन महीने में पूरे जम्मू संभाग में सुरक्षा ग्रिड मजबूत करने के बारे में चर्चा हुई। इसके साथ ही गृह मंत्री ने राजौरी जिले में नए साल के पहले दिन हुए दो आतंकवादी हमलों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी, एनआईए को दिए जाने का ऐलान किया।
इस हमले के 12 दिन बाद गृह मंत्री ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर का दौरा किया। उन्होंने राजौरी में सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया। बाद में प्रेस कांफ्रेंस में अमित शाह ने कहा- भारत सरकार ने दो दिनों के दौरान हुई दोनों घटनाओं की जांच एनआईए को सौंपी है। एनआईए और जम्मू पुलिस मिलकर जांच करेगी। जिस गांव में हमला हुआ था, वहां के सरपंच धीरज शर्मा के नेतृत्व में गांव के लोगों ने मामले की जांच एनआईए से कराने की अपील की थी। गौरतलब है कि एक और दो जनवरी को राजौरी में दो आतंकवादी हमले हुए थे, जिनमें सात लोगों की मौत हो गई थी और 14 लोग घायल हुए थे।
अमित शाह ने अपने दौरे में शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के वरिष्ठ अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक की। उन्होंने बैठक के बाद कहा- सुरक्षा ग्रिड को और कैसे मजबूत किया जा सकता है, हमने मीटिंग में इस पर विस्तार से चर्चा की है। सुरक्षा एजेंसियों ने मुझे बताया है कि वो भविष्य में किसी भी हालात से निपटने के लिए सौ फीसदी तैयार हैं। इस उच्च स्तरीय बैठक में उप राज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे।
गृह मंत्री ने बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कहा- आतंकी समर्थन प्रणाली पर गहन चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि एक समयबद्ध कार्य योजना तैयार की गई है, जिसमें तीन महीने के भीतर जम्मू संभाग के सभी क्षेत्रों में सुरक्षा ग्रिड को मजबूत करने की परिकल्पना की गई है। अमित शाह ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें भरोसा दिया है कि प्रदेश में पुख्ता सुरक्षा होगी। उन्होंने कहा कि वे राजौरी में हुए आतंकवादी हमलों के प्रभावित परिवारों से मिलने के लिए जम्मू क्षेत्र आए थे, लेकिन खराब मौसम के कारण वहां नहीं जा सके। हालांकि उन्होंने सातों मृत लोगों के परिजनों से फोन पर बात की।