नई दिल्ली। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू के न्यायपालिका पर दिए बयानों के बाद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कई बातों पर स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने जजों की नियुक्ति के कॉलेजियम सिस्टम का बचाव किया और यह भी कहा कि न्यायपालिका के ऊपर सरकार का कोई दबाव नहीं है। उन्होंने जजों की छुट्टियों पर दिए बयान को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की और कहा कि भारत में जज दो सौ दिन काम करते हैं।
चीफ जस्टिस ने शनिवार को ‘इंडिया टुडे के कार्यक्रम में कहा- मेरे 23 साल के जज के कार्यकाल में किसी ने मुझे यह नहीं बताया कि केस का फैसला कैसे करना है। उन्होंने कहा कि मैं इस मुद्दे पर कानून मंत्री के साथ उलझना नहीं चाहता, क्योंकि हमारी अलग-अलग धारणाएं हो सकती हैं। इसमें कुछ गलत नहीं है।उन्होंने कहा- मामलों में कैसे फैसला करना है, इसको लेकर सरकार की ओर से बिल्कुल कोई दबाव नहीं है। अगर न्यायपालिका को स्वतंत्र रहना है, तो इसे हमें बाहरी प्रभावों से बचाना होगा।चीफ जस्टिस ने जजों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली पर कहा कि हर प्रणाली दोषहीन नहीं होती, लेकिन यह एक बेहतरीन प्रणाली है, जिसे हमने विकसित किया है।