देहरादून। उत्तराखंड के जोशीमठ में मंगलवार को लोगों ने प्रदर्शन किया और बेहतर राहत व पुनर्वास की मांग की। अपने घरों में आई दरार की वजह से विस्थापित होने वाले लोगों ने उचित मुआवजे की भी मांग की। लोगों के विरोध और नारेबाजी की वजह से दो आलीशान होटलों के साथ साथ बाकी खतरनाक इमारतों को गिराने का काम भी मंगलवार को नहीं हो सका। अब गृह मंत्रालय की एक टीम जोशीमठ में भू-स्खलन से हुए नुकसान का जायजा लेगी। इससे पहले अच्छी बात यह है कि खतरे के दायरे में आए सभी लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। करीब चार हजार लोगों को अस्थायी राहत केंद्रों में रखा गया है।
गौरतलब है कि जोशीमठ में पहाड़ टूटने और धंसने की वजह से छह सौ से ज्यादा मकानों में दरार आ गई है, जिसकी वजह से लोगों को उनके घरों से निकाला गया है। जिन इमारतों में दरार आई है उनको तोड़ा जाना है। लेकिन बुरी तरह प्रभावित इमारतों और होटलों को गिराने की कार्रवाई मंगलवार को नहीं हो पाई। स्थानीय लोगों और होटल मालिकों की तरफ से सरकार की इस कार्रवाई का लगातार विरोध किया जा रहा है। होटल संचालकों की तरफ से मुआवजे की मांग की जा रही है।
लोगों के विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने फैसला किया है कि बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इन इमारतों को तोड़ने का काम मैनुअल तरीके से किया जाएगा। इस बीच बताया जा रहा है कि प्रशासन वन टाइम सेटलमेंट प्लान पर काम कर रहा है। सरकार ने मकानों को गिराने के लिए उचित योजना बनाने के लिए सीबीआरआई की एक टीम बुलाई है। बहरहाल, अब तक कुल 731 इमारतों में दरारें आ गई हैं। इसे लेकर सर्वोच्च अदालत में एक याचिका दायर की गई है लेकिन अदालत ने इस पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। अब 16 जनवरी को इस पर सुनवाई होगी।
बहरहाल, मंगलवार को दोनों होटल गिराए जाने की कार्रवाई होनी थी, जिसे रोक दिया गया। एक विशेषज्ञ टीम ने होटलों को गिराने का फैसला किया है। होटल मलारी इन और होटल माउंट व्यू में से पहले मलारी इन को गिराया जाएगा। इन्हें गिराने का काम सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट, सीबीआरआई की निगरानी में होगा। एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर है। होटल मालिकों ने कहा कि उन्हें होटल गिराने से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन हमें नोटिस तो दिया जाना था। अधिकारियों ने बताया कि दोनों होटल एक-दूसरे के काफी करीब आ चुके हैं। इनके आसपास मकान हैं, इसलिए इन्हें गिराना जरूरी है। होटल और ज्यादा धंसे तो गिर जाएंगे।