अहमदाबाद/मुंबई। अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय अभी भारत के किसी शहर के तट से नहीं टकराया है लेकिन उसकी तबाही शुरू हो गई है। इसके असल गुजरात और मुंबई के तटीय इलाकों में तेज आंधी और बारिश का दौर शुरू हो गया है, जिसमें सात लोगों की मौत होने की खबर है। यह तूफान 15 जून की दोपहर को कच्छ जिले के जखाऊ में समुद्र तट से टकराएगा। मौसम विभाग के मुताबिक, मंगलवार को तूफान कुछ कमजोर हुआ है, इसके बावजूद यह बेहद खतरनाक है। 15 जून को जब यह गुजरात तट से टकराएगा तो डेढ़ सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को दिल्ली में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्रियों के साथ बैठक की। उन्होंने बिपरजॉय तूफान से निपटने को आपदा प्रबंधन के लिए आठ हजार करोड़ रुपए की तीन बड़ी योजनाओं की घोषणा की। इसमें फायर ब्रिगेड का आधुनिकीकरण, बाढ़ नियंत्रण और भूस्खलन की घटनाओं पर रोकथाम शामिल हैं। गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की थी और लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने का निर्देश दिया था।
प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश के बाद गुजरात सरकार ने कच्छ और सौराष्ट्र में समुद्र तट से 10 किलोमीटर की सीमा में सात जिलों से 21 हजार लोगों को निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है। मौसम विभाग की ओर से मंगलवार को बताया गया कि तूफान आठ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-पश्चिम में आगे बढ़ रहा है। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के चलते पश्चिम रेलवे ने चक्रवात संभावित क्षेत्रों में एहतियात के तौर पर 67 ट्रेन को पूरी तरह से रद्द करने का फैसला है। इसके साथ ही सौराष्ट्र के ओखा, पोरबंदर और जामनगर से चलने वाली 25 ट्रेन अब राजकोट, सुरेंद्रनगर और अहमदाबाद से चलेंगीं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने तूफान के बारे में जानकारी देते हुए कहा है- इससे संभवत: काफी अधिक नुकसान हो सकता है। गुजरात में कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर जिलों में 15 जून को 20 सेंटीमीटर से अधिक बारिश हो सकती है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर इन इलाकों में इतनी अधिक बारिश नहीं होती। इसलिए इससे निचले इलाकों में बाढ़ आने की आशंका है। आईएमडी ने कहा कि बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान बिपारजॉय के गुरुवार को गुजरात के कच्छ जिले में जखाऊ पास तट पर पहुंचने का अनुमान है। तूफान की तीव्रता को देखते हुए कच्छ, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, जामनगर, जूनागढ़ और मोरबी के तटीय जिलों में समुद्र तट के पास रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है। कच्छ जिले के तटीय इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है और सभी स्कूल व कॉलेज 15 जून तक बंद कर दिए गए हैं।