नई दिल्ली। मानहानि मामले में राहुल गांधी को सजा होने और उनकी लोकसभा सदस्यता समाप्त किए जाने के मामले में जर्मनी के बयानबाजी ने कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया है। जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने इस मामले में टिप्पणी की, जिसे लेकर दिग्विजय सिंह ने आभार जता दिया। इसके बाद भाजपा के नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने फिर से कांग्रेस पर आरोप लगाए कि वह भारत के आंतरिक मामले में विदेशी ताकतों से हस्तक्षेप करा रही है। कांग्रेस इस पर डैमेज कंट्रोल में जुटी है।
डैमेज कंट्रोल के प्रयास के तहत कांग्रेस महासचिव और संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने कहा कि देश की राजनीतिक समस्याओं को भीतर से हल किया जाना चाहिए। जयराम रमेश ने कहा- कांग्रेस का दृढ़ विश्वास है कि भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को खुद नरेंद्र मोदी की ओर से हमारी संस्थाओं पर हमले, उत्पीड़न की राजनीति और लोकतंत्र पर पैदा हुए खतरों से निपटना होगा। कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां निडरता से उनका मुकाबला करेंगी।
इससे पहले जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा था कि जर्मनी ने भारत में विपक्षी नेता राहुल गाधी के खिलाफ फैसले और उनकी संसदीय सदस्यता निलंबित किए जाने का संज्ञान लिया है। प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है- हमारी जानकारी के मुताबिक, राहुल गांधी फैसले को चुनौती दे सकते हैं। तब ये स्पष्ट होगा कि क्या यह फैसला टिक पाएगा और क्या निलंबन का कोई आधार है? प्रवक्ता ने कहा- जर्मनी को उम्मीद है कि न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत समान रूप से राहुल गांधी के खिलाफ कार्यवाही पर लागू होंगे।
जर्मनी की ओर से आए इस बयान पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्विट किया कि राहुल गांधी को परेशान करके भारत में लोकतंत्र से समझौता किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसका संज्ञान लेने के लिए जर्मनी के विदेश मंत्रालय और डॉयचे वैले के मुख्य अंतरराष्ट्रीय संपादक रिचर्ड वाकर का शुक्रिया। इसके बाद भाजपा नेताओं ने कांग्रेस और दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी दल आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को आमंत्रित कर रहा है। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने दिग्विजय सिंह के ट्विट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए तंज किया कि भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करने की खातिर राहुल गांधी का आभार।