नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पेश किए बजट को अमृत काल का बजट कहा तो उस पर तंज करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे ‘मित्रकाल’ का बजट बताया। गौरतलब है कि राहुल गांधी बार बार आरोप लगाते रहे हैं कि केंद्र सरकार की हर योजना से प्रधानमंत्री के कुछ मित्रों को लाभ होता है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बजट की आलोचना की और इसे बिना दृष्टि के बताया।
भारत जोड़ो यात्रा से लौटे राहुल गांधी बुधवार को बजट पेश किए जाते समय लोकसभा की कार्यवाही में शामिल हुए। बाद में उन्होंने कहा कि इससे साबित होता है कि सरकार के पास भारत के भविष्य के निर्माण की कोई रूपरेखा नहीं है। उन्होंने ट्विट किया- मित्रकाल बजट में रोजगार सृजन को लेकर कोई दृष्टिकोण नहीं है। महंगाई से निपटने के लिए कोई योजना नहीं है। असमानता दूर करने का कोई इरादा नहीं है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बजट की आलोचना करते हुए कहा- बजट दो चार राज्यों के चुनाव को देखते हुए पेश किया गया है। यह बजट नहीं इलेक्शन स्पीच है। जो भी बातें उन्होंने बाहर कही है उसे इस बजट में डालकर दोहराया गया है। बजट में महंगाई में इजाफा है जिस पर ध्यान देना चाहिए था। खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा- उन्होंने कहा था कि वे हर साल दो करोड़ नौकरियां देंगे। सरकारी भर्तियों के लिए भी कुछ भी नहीं हुआ। गरीब, बेरोजगार के लिए इस बजट में कुछ नहीं है।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा- बजट से पता चलता है कि यह सरकार लोगों और आजीविका के बारे में उनकी चिंताओं से कितनी दूर है। यह एक संवेदनहीन बजट है, जिसने अधिकांश लोगों की आशाओं को धोखा दिया है। उन्होंने कहा- नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनने वालों की छोटी संख्या को छोड़ कर कोई कर कम नहीं किया गया। ‘तर्कहीन’ जीएसटी दरों में कोई कटौती नहीं की गई है। नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट विकल्प बनाना ‘घोर अनुचित’, है। यह पुरानी व्यवस्था के तहत सामान्य करदाताओं को मिल रही अल्प सामाजिक सुरक्षा से वंचित करेगा।