नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। सर्वोच्च अदालत ने बिना ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था के स्थानीय निकाय चुनाव कराने के हाई कोर्ट के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जिन निकायों का कार्यकाल पूरा हो चुका है, उनके कामकाज के लिए विशेष समिति बना दी जाए। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी और आयोग बनाकर ट्रिपल टेस्ट की रिपोर्ट देने के लिए तीन महीने की मोहलत मांगी थी।
उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव के मामले में सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार ने कहा कि राज्य में परिसीमन की प्रकिया तीन महीने में पूरी कर लेंगे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- तीन महीने का समय बहुत लंबा है क्या इसको और पहले नहीं पूरा किया जा सकता है? जवाब में उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि इसके लिए आयोग बनाया गया है और आयोग के अध्यक्ष नियुक्त किए गए जज साहब से पूछकर बताना होगा कि कम से कम कितने समय में इसको पूरा किया जा सकता है?
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में इस तरह की प्रक्रिया अपनाई गई है। हालांकि सॉलिसीटर जनरल ने फैसले का हवाला देते हुए कहा कि तीन महीनों के लिए तीन सदस्यों की कमेटी बना कर निकायों के काम को जारी रखा जा सकता है। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी तक चुनाव कराने के हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा। सर्वोच्च अदालत ने दूसरे पक्ष को नोटिस जारी किया और तीन हफ्त में जवाब मांगा है।