नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बाइक टैक्सी चलाने वाली कंपनियों को राहत नहीं दी है। सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को कहा कि अभी दिल्ली में ओला, उबर और रैपिडो की बाइक टैक्सी नहीं चलाई जा सकेंगी। अदालत ने कहा कि कंपनियों को दिल्ली सरकार की टैक्सी ऑपरेशन पॉलिसी बनने तक इंतजार करना होगा। वहीं, दिल्ली सरकार ने कहा है कि 30 जून तक बाइक टैक्सी के संचालन की नीति बना ली जाएगी। गौरतलब है कि सरकार ने कहा था कि जब तक दोपहिया टैक्सी के संचालन की नीति नहीं बन जाती है, तब तक बाइक टैक्सी सर्विस न शुरू की जाए।
रैपिडो और उबर जैसी कंपनियों ने दिल्ली सरकार के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर की थी। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के इस आदेश पर रोक लगा दी थी। साथ ही संचालन नीति लागू होने तक एग्रीगेटर्स को सेवाएं जारी रखने का आदेश दिया था। साथ ही बाइक टैक्सी पर कोई भी कार्रवाई करने पर भी रोक लगा दी थी। दिल्ली सरकार ने 26 मई को हाई कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की अवकाशकालीन बेंच ने सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। बाइक टैक्सी को लेकर दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि एग्रीगेटर्स की तरफ से दोपहिया वाहनों का इस्तेमाल बिना उचित लाइसेंस और परमिट के हो रहा है। दूसरी ओर रैपिडो और उबर का कहना था कि हजारों राइडर्स ऐसी बाइक टैक्सी चलाते हैं। दिल्ली सरकार के फैसले से उनकी आजीविका पर असर पड़ेगा।