प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के गैंगेस्टर और पूर्व सांसद अतीक अहमद की हत्या करने वाले तीन हत्यारों को रविवार को एक अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अदालत के आदेश पर तीनों को नैनी जेल भेजा गया है। गौरतलब है कि तीन लोगों ने शनिवार की रात को पुलिस और मीडिया की मौजूदगी में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की अंधाधुंध गोलियां चला कर हत्या कर दी थी। उसके बाद तीनों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था।
अतीक और अशरफ की हत्या के तीनों आरोपियों को रविवार को प्रयागराज की अदालत में पेश किया गया, जहां से अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस मामले में अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होगी। घटना के तीनों आरोपियों- लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य का आपराधिक इतिहास है और तीनों के परिवारों ने खुद को उनसे दूर कर लिया है। लवलेश तिवारी इससे पहले भी जेल जा चुका है। तीनों आरोपियों ने कहा है कि उनको बड़ा माफिया बनना था और फेमस होना था इसलिए उन्होंने अतीक को मारा।
लवलेश के पिता यज्ञ तिवारी ने मीडिया से कहा कि परिवार का उनसे कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा- वह मेरा बेटा है। हमने टीवी पर घटना देखी हमें लवलेश की हरकतों की जानकारी नहीं है और न ही इससे हमारा कोई लेना-देना है। उन्होंने यह भी कहा कि वह नशे का आदी था और पारिवारिक मामलों में शामिल नहीं था। उसके खिलाफ पहले से ही एक मामला दर्ज है। बताया जा रहा है कि एक लड़की को सरेआम थप्पड़ मारने के आरोप में वह जेल गया था।
सनी के खिलाफ 14 मामले दर्ज हैं और वह हिस्ट्रीशीटर घोषित होने के बाद से फरार था। उसके पिता की मौत हो चुकी है। सनी सिंह के भाई पिंटू सिंह ने कहा- वह इधर उधर घूमता था और कोई काम नहीं करता था। हम अलग रहते हैं और नहीं जानते कि वह अपराधी कैसे बन गया. हमें इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस मामले में तीसरा आरोपी अरुण बचपन में ही घर छोड़कर चला गया था। बताया जा रहा है कि उसका नाम 2010 में ट्रेन में एक पुलिसकर्मी की हत्या के मामले में सामने आया था।
आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वे कुख्यात अपराधी बनना चाहते थे, इसलिए उन्होंने अतीक की हत्या कर दी। पुलिस के मुताबिक, उनकी बातें में अंतर है और पुलिस का कहना है कि वे जांच जारी रखेंगे। अतीक हत्याकांड में दर्ज एफआईआर के मुताबिक गिरफ्तार हमलावरों ने पुलिस को बताया- हम अतीक, अशरफ गिरोह का पूरी तरह से सफाया करने और अपना नाम बनाने के मकसद से अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को मारना चाहते थे।