नई दिल्ली। अहमदाबाद की जेल में बंद उत्तर प्रदेश के बाहुबली अतीक अहमद को एनकाउंटर का डर सता रहा है। अतीक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर जेल ट्रांसफर का विरोध किया है। उधर उत्तर प्रदेश में उसकी पत्नी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिख कर अपने पति को बचाने की मांग की है। इस बीच राज्य सरकार ने उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। बुधवार सुबह अतीक अहमद के करीबी जफर अहमद के प्रयागराज स्थित घर को बुलडोजर से गिराया गया। इसी घर में अतीक का परिवार किराए पर रहता था।
बताया जा रहा है कि जफर के घर से तलवार, पिस्टल और राइफल भी मिली है। धूमनगंज थाना क्षेत्र के चकिया मोहल्ले में जफर के दो मंजिला मकान को प्रयागराज विकास प्राधिकरण की टीम ने बुलडोजर से गिराया। इससे पहले अतीक का मकान जब जब्त किया गया था तो जफर ने ही उसके परिवार को इस मकान में रखा था। मकान गिराए जाने के बाद अतीक अहमद के वकील खान सौलत हनीफ ने कहा है- आज जो मकान चकिया में ध्वस्त किया जा रहा है वो बेनामी संपत्ति नही है। ये मकान जफर अहमद खान का है। जफर मूलतः बांदा का रहने वाला है। इस मकान को जनवरी 2021 में जफर के पिता ने अपने पैसे से खरीदा था।
बहरहाल, अतीक के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें अहमदाबाद जेल से उत्तर प्रदेश की जेल में प्रस्तावित ट्रांसफर का विरोध किया गया है। इसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार के कुछ मंत्रियों के बयान से ऐसा लगता है कि उनका फर्जी एनकाउंटर किया जा सकता है। वकील ने अतीक की सुरक्षा पर सवाल उठाए। गौरतलब है कि बसपा विधायक राजू पाल की हत्या में अतीक अहमद आरोपी है। उस मामले के गवाह उमेश पाल की पिछले दिनों गोली मार कर हत्या कर दी गई। उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात दो सुरक्षाकर्मी भी मारे गए। उसके बाद से पुलिस एक आरोपी को मुठभेड़ में मार चुकी है और दो आरोपी पकड़े गए हैं।
इस बीच खबर है कि उमेश हत्याकांड में घायल सिपाही राघवेंद्र सिंह की बुधवार शाम इलाज के दौरान मौत हो गई। हालत गंभीर होने पर दो दिन पहले ही राघवेंद्र को लखनऊ पीजीआई के ट्रामा सेंटर में एडमिट कराया गया था। एक पुलिसकर्मी की पहले ही मौत हो चुकी है। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री ने माफिया को मिट्टी में मिला देने की बात कही थी।