नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया। उन्होंने दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना के खिलाफ अपने विधायकों का मोर्चा निकाला और उनके आवास तक गए लेकिन सक्सेना ने आम आदमी पार्टी के विधायकों से मिलने से इनकार कर दिया। उन्होंने मिलने के लिए सिर्फ केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बुलाया लेकिन इन दोनों ने कहा कि सभी विधायकों से उप राज्यपाल मिलेंगे तभी वे भी मिलने जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली के चुनिंदा शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने के प्रस्ताव को मुद्दा बनाया है। उनका कहना है कि उप राज्यपाल दिल्ली के शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए नहीं भेज रहे हैं। इसी मसले पर उन्होंने सोमवार को प्रदर्शन किया। बाद में उन्होंने कहा- उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को मिलने के लिए बुलाया है, लेकिन हम सभी विधायकों के साथ मिलना चाहते हैं। उप राज्यपाल का यह न्योता मंजूर नहीं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा- उप राज्यपाल ने सभी विधायकों और मंत्रियों से मिलने से मना कर दिया है। यह दो करोड़ जनता का अपमान है कि हमारे विधायकों और मंत्रियों से मिलने से मना कर दिया। आगे की रणनीति हम तय करके बताएंगे। अरविंद केजरीवाल उप राज्यपाल निवास के पास से वापस लौट गए। उन्होंने कहा- उप राज्यपाल कोई हमारे प्रधानाध्यापक नहीं हैं, जो हमारा होमवर्क जांचेंगे। उन्हें हमारे प्रस्तावों के लिए केवल हां या ना कहना है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा- एलजी साहब ने हमारे बहुत काम रोक दिए, मेरी उनसे अपील है कि वो संविधान को मानें। केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के 2018 के एक आदेश का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली के उप राज्यपाल स्वतंत्र निर्णय नहीं ले सकते। इससे पहले दिल्ली विधानसभा में भी सरकार बनाम एलजी का मुद्दा उठा था। दिल्ली विधानसभा का तीन दिन का सत्र सोमवार को शुरू हुई, जिसमें सरकार बनाम एलजी के मुद्दे पर हंगामा हुआ। हंगामे के बाद सदन स्थगित हो गया और उसके बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में आप पार्टी के विधायकों ने एलजी हाउस तक मार्च किया।