नई दिल्ली। अगले लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता बनाने के प्रयासों के बीच डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक सम्मेलन का आयोजन किया है। इसमें 16 विपक्षी पार्टियां शामिल होंगी। अगले सोमवार यानी तीन अप्रैल को इसका आयोजन चेन्नई में किया जाएगा। सम्मेलन में भारत में सामाजिक न्याय को आगे ले जाने के मसले पर विचार होगा। स्टालिन इस विषय पर मुख्य वक्ता होंगे।
बताया जा रहा है कि इस सम्मेलन के लिए जिन पार्टियों को आमंत्रित किया गया है, उनमें ओड़िशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल और आंध्र प्रदेश मे सरकार चला रही वाईएसआर कांग्रेस भी शामिल है। गौरतलब है कि ये दोनों पार्टियां अभी तक विपक्षी राजनीति से नहीं जुड़ी हैं और केंद्र सरकार के प्रति सद्भाव दिखाया है। बहरहाल, वाईएसआर कांग्रेस ने स्टालिन की ओर से न्योता मिलने से इनकार किया है, जबकि बीजू जनता दल ने चुप्पी साधी है। उसने साफ नहीं किया है कि उसका कोई प्रतिनिधि सम्मेलन में हिस्सा लेगा या नहीं। हालांकि लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक सस्मित पात्रा के सम्मेलन में शामिल होने की चर्चा है।
बहरहाल, ऑल इंडिया फेडरेशन फॉर सोशल जस्टिस के बैनर तले आयोजित की जा रही बैठक में स्टालिन मुख्य वक्ता होंगे लेकिन अन्य दलों के नेताओं को भी बोलने का मौका मिलेगा। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के साथ साथ लगभग सभी विपक्षी पार्टियां सम्मेलन में हिस्सा लेंगी। कांग्रेस का विरोध कर रही तृणमूल कांग्रेस, भारत राष्ट्र समिति और आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधि भी सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। झारखंड मुक्ति मोर्चा, राजद, समाजवादी पार्टी, सीपीआई, सीपीएम, एनसीपी, एमडीएमके, नेशनल कांफ्रेंस, मुस्लिम लीग आदि पार्टियों के प्रतिनिधि भी इस सम्मेलन में शामिल होंगे।