कोलकाता। आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में सीबीआई ने साफ कर दिया है कि इस मामले में गैंगरेप नहीं हुआ था। अदालत के आदेश से इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने अपना पहला आरोपपत्र दायर किया है, जिसमें उसने गैंगरेप के आरोप को खारिज कर दिया है। एजेंसी का कहना है कि वारदात को गिरफ्तार आरोपी संजय रॉय ने अकेले अंजाम दिया था। करीब एक सौ गवाहों के बयानों और 12 पॉलीग्राफ टेस्ट करने के बाद सीबीआई इस नतीजे पर पहुंची है।
गौरतलब है कि पुलिस ने संजय रॉय को घटना के अगले दिन 10 अगस्त को गिरफ्तार किया था। इससे पहले नौ अगस्त की सुबह अस्पताल के सेमिनार हॉल में पीड़िता का शव बरामद हुआ था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया था कि पीड़ित जूनियर डॉक्टर की दोनों आखों, मुंह और प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था। गर्दन की हड्डी भी टूटी थी। हालांकि संजय अब तक खुद को बेगुनाह बता रहा है। संजय को पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज से पहचाना था। फुटेज में वह नौ अगस्त की सुबह चार बजे सेमिनार हॉल में अंदर जाता दिखाई दिया।
इस घटना को लेकर पश्चिम बंगाल के कोलकाता में जूनियर डॉक्टर न्याय की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। छह जूनियर डॉक्टरों ने पांच अक्टूबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। धर्मतला इलाके में डोरिना क्रॉसिंग पर जारी भूख हड़ताल का सोमवार को तीसरा दिन था। डॉक्टरों ने सीबीआई की भूमिका पर भी सवाल उठाया और कहा कि वे चाहते हैं कि इस मामले में जल्दी से जल्दी न्याय मिले। जूनियर डॉक्टर स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को हटाने, स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार के लिए जवाबदेही तय करने सहित अपनी नौ मांगों पर अड़े हैं।