कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अंग्रेजों को जमाने से चले आ रहे तीन अपराध कानूनों की जगह लाए जा रहे नए कानूनों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है। ममता ने बुधवार को शाह को लिखी चिट्ठी में उनसे इन कानूनों के मामले में जल्दबाजी नहीं करने की अपील की है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से आग्रह किया है कि नए कानूनों पर सभी संबंधित पक्षों और हितधारकों के बीच आम सहमति बनानी चाहिए।
ममता बनर्जी ने बुधवार को चिट्ठी लिखी, जिस दिन अमित शाह पश्चिम बंगाल के दौरे पर थे और उन्होंने अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को जीत दिलाने और राज्य की ममता बनर्जी सरकार को बदलने का आह्वान किया। अमित शाह को लिखी चिट्ठी में ममता बनर्जी ने यह भी दावा किया कि अपराध कानूनों में आमूल-चूल बदलाव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा कानूनों में बदलाव का राजनीति पर भी प्रभाव पड़ेगा। गौरतलब है कि भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और साक्ष्य कानून की जगह भारतीय साक्ष्य कानून लाया जा रहा है।
गृह मंत्रालय की संसदीय समिति ने इन कानूनों पर विचार किया है और सरकार को रिपोर्ट दी है। हालांकि कमेटी के सभी विपक्षी सदस्यों ने इसमें कई संशोधन सुझाए हैं और अपनी असहमति के नोट्स दिए हैं। इन कानूनों के चार दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में पारित होने की उम्मीद है। इन्हें लेकर ममता बनर्जी ने कहा- सुझाए गए बदलाव जनता को भी प्रभावित करेंगे। मुझे उम्मीद है कि विषय की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए आप प्रस्तावित विधेयकों पर सभी हितधारकों के बीच आम सहमति बनाने का प्रयास करेंगे, न कि उन्हें पारित करने में जल्दबाजी करेंगे। ममता ने आरोप लगाया कि इन कानून का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ हो सकता है।