कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने अयोध्या में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के दिन सोमवार को कोलकात में कालीघाट मंदिर में पूजा की और सद्भावना रैली की। ममता बनर्जी की सद्भावना रैली दक्षिण कोलकाता के हाजरा क्रॉसिंग से शुरू हुई। इसमें सभी धर्म के लोग शामिल हुए। इससे पहले ममता कोलकाता के कालीघाट मंदिर पहुंचीं और काली माता की पूजा की।
नीली बॉर्डर वाली सफेद सूती साड़ी और गले में शॉल लपेटे ममता बनर्जी ने रैली का नेतृत्व किया। वे सड़क के दोनों ओर हाथ जोड़ कर लोगों और दर्शकों का अभिवादन करते चल रही थीं। रैली हाजरा मोड़ से पार्क सर्कस मैदान तक गई। ममता इस रास्ते पर पड़ने वाले मस्जिदों, चर्चों और गुरुद्वारों सहित विभिन्न धार्मिक स्थानों पर गईं और पूजा अर्चना की। उनके साथ सभी धर्मों के लोग चल रहे थे।
ममता ने सभी तृणमूल कार्यकर्ताओं से भी अपने अपने क्षेत्र में रैली निकालने की अपील की। गौरतलब है कि ममता बनर्जी अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं। तृणमूल कांग्रेस के नेता रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को राजनीतिक इवेंट कहा है। ममता ने कहाकि बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव अभियान के लिए राम मंदिर को एक स्प्रिंगबोर्ड की तरह इस्तेमाल करना चाहती है। इसीलिए पार्टी ने इस इवेंट से दूरी बनाई है। ममता बनर्जी ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन करके भाजपा वोट जुटाने की चाल चल रही है। उन्होंने कहा- मैं ऐसे उत्सवों का समर्थन नहीं करती हूं जो दूसरे समुदाय को शामिल न करें।