कोलकाता। आरजी कर अस्पताल की जूनियर डॉक्टर से बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए संजय रॉय को अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। सियालदह की जिला अदालत ने संजय रॉय को मरते दम तक जेल में रहने की सजा के साथ 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा भी दी है। गौरतलब है कि आठ अगस्त 2024 की रात को आरजी कर अस्पताल की जूनियर डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। अगले दिन नौ अगस्त को उसका शव बरामद हुआ था। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही थी।
सियालदह कोर्ट के जज अनिर्बान दास ने सोमवार, दोपहर करीब पौने तीन बजे सजा सुनाते हुए कहा, ‘यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामला नहीं है। मौत की सजा नहीं दी सकती’। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया कि वह पीड़ित परिवार को 17 लाख रुपए मुआवजा दे। हालांकि परिवार ने इसे लेने से इनकार कर दिया। फैसला सुनाने से पहले दोपहर साढ़े 12 बजे कोर्ट ने दोषी संजय, सीबीआई और पीड़ित परिवार की बातें सुनीं। संजय रॉय ने फिर कहा कि वह बेकसूर है और उसे फंसाया गया है। दूसरी ओर सीबीआई ने फांसी की सजा की मांग की थी।
फैसले के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘केस कोलकाता पुलिस से जबरन छीन लिया गया। अगर मामला उनके पास होता तो मौत की सजा तय होती’। बहरहाल, सजा सुनाते हुए जज ने कहा कि पीड़ित की मौत ड्यूटी के दौरान अस्पताल में हुई थी। इसलिए राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वो पीड़ित की फैमिली को मुआवजा दे। कोर्ट ने डॉक्टर की मौत के लिए 10 लाख और रेप के लिए सात लाख मुआवजा तय किया। इस पर कोर्ट में मौजूद पीड़ित डॉक्टर के माता, पिता ने कहा कि उन्हें मुआवजा नहीं, न्याय चाहिए। इस पर जज ने कहा, ‘मैंने कानून के मुताबिक यह मुआवजा तय किया है। आप इसका इस्तेमाल चाहे जैसे कर सकते हैं। इस रकम को अपनी बेटी के रेप और मर्डर के मुआवजे के तौर पर मत देखिए’।
फैसले के बाद जूनियर डॉक्टर के परिवार ने कहा है कि वे दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के सेशन कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि ड्यूटी पर मौजूद एक डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस क्यों नहीं है। उन्होंने दावा किया कि जांच ठीक से नहीं हुई है। कई लोगों को बचाया गया है। उन्होंने कहा कि सेशन कोर्ट से फैसले की कॉपी मिलने के बाद वे हाई कोर्ट जाएंगे। दूसरी ओर संजय रॉय के परिवार ने कहा कि वे फैसले के खिलाफ अपील नहीं करेंगे।