कोलकाता। पश्चिम बंगाल में 13 नवंबर को होने वाले छह विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के जवानों की तैनाती 25 अक्टूबर से शुरू होगी। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि शुरुआत में 25 अक्टूबर तक सीएपीएफ की कुल 89 कंपनियां तैनात की जाएंगी। इसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 24 कंपनियां, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 30 कंपनियां, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की 12 कंपनियां और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 13 कंपनियां शामिल हैं। सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि इन छह निर्वाचन क्षेत्रों के सभी मतदान केंद्रों पर सीएपीएफ की पर्याप्त तैनाती सुनिश्चित करने के लिए कुल 120 कंपनियों की जरूरत होगी।
एक सूत्र ने बताया मतदान की तारीख से पहले क्षेत्र पर पूरी तरह से नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए 25 अक्टूबर तक इन छह विधानसभा क्षेत्रों में सीएपीएफ की 89 कंपनियों की तैनाती कर दी जाएगी। राज्य की छह विधानसभा सीटों के लिए मतदान 13 नवंबर को होना है। इसके साथ ही एक लोकसभा सीट और कई राज्यों में 41 अन्य विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव और झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान भी होगा। मतगणना 23 नवंबर को होगी। छह विधानसभा क्षेत्रों में कुल 1,583 मतदान केंद्र हैं, जिनमें से सबसे अधिक 304 मतदान केंद्र पश्चिम मिदनापुर जिले के मेदिनीपुर में हैं।
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इसके बाद कूचबिहार जिले के सिताई में 300, उत्तर 24 परगना जिले के हरोआ में 279, बांकुड़ा जिले के तलदांगरा में 264, अलीपुरद्वार जिले के मदारीहाट में 226 और उत्तर 24 परगना जिले के नैहाटी में 210 मतदान केंद्र हैं। सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि आयोग का इरादा सभी मतदान केंद्रो को वेबकास्टिंग के तहत लाने का है, जैसा कि इस साल लोकसभा चुनावों में किया गया था। राज्य में सभी छह विधानसभा सीटें इस साल के शुरू में हुए लोकसभा चुनावों में वर्तमान विधायकों के निर्वाचित होने के कारण रिक्त हो गई थीं। मदारीहाट एक विधानसभा सीट है, जो भाजपा के पास थी। शेष पांच सीटें 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने जीती थीं।