nayaindia संपूर्ण मानवता के कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करता है योग: सीएम योगी
उत्तर प्रदेश

संपूर्ण मानवता के कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करता है योग: सीएम योगी

ByNI Desk,
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Image Credit: Twitter/@myogiadityanath

10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज राजभवन प्रांगण, लखनऊ में आयोजित सामूहिक योगाभ्यास में सम्मिलित हुए और योगाभ्यास किया। उनके साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी योगाभ्यास में भाग लिया। इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि योग मानवता के अनुकूल है, जो देश, समाज, काल परिस्थितियों से बाधित होकर के भी संपूर्ण मानवता के कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करता है। इस कार्य के साथ यदि हम जुड़ते हैं और संपूर्ण मानवता को जोड़ते हैं

यह पूर्वजों और विरासत के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धा कही जाती है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हम सभी के लिए भारत की इसी परंपरा के प्रति, इसी श्रद्धा को व्यक्त करने का एक माध्यम बना है। इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ हुई और फिर राजभवन गीत का भी प्रस्तुतिकरण किया गया। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को तुलसी का पौधा देकर उनका अभिनंदन किया। इस अवसर पर प्रांगण में बड़ी संख्या में उपस्थित योग साधकों व प्रशिक्षकगणों ने पूरे उत्साह से सामूहिक योगाभ्यास में किया।

कार्यक्रम के दौरान योगी ने कहा कि यह हम सबका सौभाग्य है कि योग दिवस के अवसर पर हम अपनी विरासत का स्मरण करते हुए भारत की ऋषि परंपरा के प्रति श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं। ये अवसर हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदान किया है, जिनके विजन और प्रयासों का परिणाम है कि आज दुनिया के लगभग पौने दो सौ देश अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के साथ जुड़कर भारत की इस विरासत के साथ खुद को जोड़कर के हमारी संस्कृति और परंपरा को गौरवान्वित करने का प्रयास करेंगे। अपनी परंपरा और पूर्वजों व विरासत के प्रति इससे बड़ा सम्मान और कोई नहीं हो सकता।

उन्होने कहा कि हम सभी जानते हैं कि योग एक संपूर्ण विद्या है जो हमें शारीरिक और मानसिक रूप से एकजुट करता है। भारत की ऋषि परंपरा को देखें तो उन लोगों के पास कितनी दूरदर्शिता थी, किस तरह उन्होंने समाज को जोड़ा, धर्म को योग के साथ जोड़ने का एक अभिनव प्रयास इस रूप में हुआ। जब हम धर्म की बात करते हैं तो धर्म के दो हित सामने दिखते हैं। एक है इस लोक में विकास के लिए, खुशी और खुशहाली के लिए, ईज ऑफ लिविंग के लिए कार्य करना। और दूसरा है कि जन्म के बाद मोक्ष की प्राप्ति हो। यानी धर्म के दो हित भारत की ऋषि परंपरा ने हम सबको बताए हैं। योग भी हम सबको उसी परंपरा के साथ जोड़ने का काम करता है।

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