लखनऊ। केंद्र सरकार में वाणिज्य, उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितिन प्रसाद (Jitin Prasada) ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के मंत्री तथा विधान परिषद सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया। इसकी पुष्टि उनके कार्यालय से हुई है। यूपी की पीलीभीत लोकसभा सीट से चुनाव जीतने वाले जितिन प्रसाद ने 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के साथ केंद्र में मंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद उन्हें वाणिज्य, उद्योग और सूचना मंत्रालय के राज्यमंत्री की अहम जिम्मेदारी दी गई। उत्तर प्रदेश से वह ब्राह्मण चेहरे के तौर पर मोदी सरकार में शामिल हुए हैं।
जितिन प्रसाद (Jitin Prasada) ने एक दशक के बाद केंद्रीय कैबिनेट में वापसी की है। इससे पहले मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में जितिन प्रसाद सबसे युवा मंत्रियों में से एक थे। जितिन प्रसाद जून 2021 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ गए थे। उनका राजनीतिक करियर यूथ कांग्रेस से शुरू हुआ था और वे यूपीए सरकार में मंत्री भी रहे। ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की तरह ही जितिन प्रसाद भी पारिवारिक तौर पर कांग्रेस से जुड़े थे। उनके पिता जितेंद्र प्रसाद (Jitendra Prasad) और बाबा ज्योति प्रसाद कांग्रेस के अहम चेहरे रहे थे।
मौजूदा केंद्र सरकार में जितिन प्रसाद को तराई बेल्ट में ब्राह्मणों की राजनीति को साधने के लिए मंत्री पद से नवाजा गया है। इससे पहले ब्राह्मण चेहरे के रूप में अजय मिश्र टेनी (Ajay Mishra Teni) को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। लेकिन, इस बार वह चुनाव हार गए। वरुण गांधी की सीट से चुनाव लड़कर जितिन प्रसाद संसद पहुंचे हैं।
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