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प्रयागराज में छात्र जीते!

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प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यानी यूपीपीएससी को अपना फैसला बदलना पड़ा है। अब उत्तर प्रदेश की लोक सेवा की प्रारंभिक परीक्षा एक ही शिफ्ट में होगी। गौरतलब है कि करीब 20 हजार छात्र पिछले चार दिन से प्रयागराज में यूपीपीएससी के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने लाठीचार्ज करके और दूसरे तरीके से छात्रों को वहां से हटाने का प्रयास किया लेकिन जब कामयाबी नहीं मिली तो आयोग को छात्रों की बात माननी पड़ी।

अब पीसीएस की परीक्षा एक शिफ्ट में होगी और आयोग जल्दी ही आरओ व एआरओ की परीक्षा भी एक शिफ्ट में कराने का कार्यक्रम घोषित करेगा। हालांकि प्रदर्शनकारी छात्रों ने कह दिया है कि आरओ और एआरओ की परीक्षा का कार्यक्रम घोषित होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। गौरतलब है कि यूपीपीएससी ने पांच नवंबर को आदेश जारी किया था कि पीसीएस और आरओ व एआरओ की परीक्षा दो शिफ्ट में होगी और अंकों का मानकीकरण किया जाएगा। इसके खिलाफ छात्र सड़क पर उतर गए और गुरुवार, 14 नवंबर को यूपीपीएससी को यह फैसला वापस लेना पड़ा।

गौरतलब है कि प्रयागराज में यूपीपीएससी कार्यालय के सामने छात्र एक शिफ्ट में परीक्षा कराने की मांग को लेकर 11 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं। आयोग के सचिव अशोक कुमार गुरुवार को दोपहर बाद करीब चार बजे कार्यालय से बाहर आए। लेकिन छात्रों के हंगामे में वे कुछ नहीं कह सके। इसके बाद लाउडस्पीकर पर घोषणा हुई- यूपीपीएससी एक दिन में प्रारंभिक परीक्षा कराएगा। यूपीपीएससी ने कहा- समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी यानी आरओ और एआरओ परीक्षा के लिए आयोग एक कमेटी बनाएगा। कमेटी सभी पहलुओं पर विचार कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट पेश करेगी।

बहरहाल, पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा और आरओ व एआरओ की परीक्षा फिलहाल टाल दी गई है। पीसीएस परीक्षा सात और आठ दिसंबर को होनी थी, जबकि आरओ व एआरओ परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को प्रस्तावित थी। अब नई तारीखें घोषित की जाएंगी। राज्य सरकार और आयोग के पीछे हटने के बाद भी छात्र अभी भी आयोग के बाहर डटे हुए हैं। उन्होंने थाली बजा कर अपनी जीत का जश्न मनाया लेकिन आयोग पर फैसला लटकाने का आरोप भी लगाया। छात्रों का कहना है कि कमेटी में आयोग के ही अधिकारी होंगे। आंदोलन खत्म हो जाएगा तो फिर छात्रों के खिलाफ फैसला करेंगे।

इससे पहले गुरुवार की सुबह प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिसकर्मियों में झड़प हो गई थी। सादी वर्दी वाले पुलिसकर्मी धरना दे रहे छात्रों को जबरन उठाने पहुंचे थे। पुलिस को देखते ही छात्र एक दूसरे के ऊपर लेट गए। छात्रों का कहना था कि पुलिसकर्मियों ने छात्राओं के साथ बदसलूकी की। गालियां भी दीं। पुलिस की इस हरकत से छात्र भड़क गए। करीब एक घंटे के अंदर 10 हजार से ज्यादा छात्र आयोग के नजदीक पहुंच गए। पुलिस ने बैरिकेडिंग करके आयोग के रास्ते को सील कर दिया था लेकिन प्रदर्शनकारी छात्रों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और आयोग के गेट तक पहुंच गए थे।

By NI Desk

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