लखनऊ। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा के बेहद खराब प्रदर्शन को लेकर रविवार को एक बड़ी बैठक हुई। इसमें नतीजों की समीक्षा की गई। इससे पहले एक टास्क फोर्स ने भी नतीजों की समीक्षा की थी। समीक्षा बैठक में किसी को पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया गया लेकिन रविवार को दिन भर मीडिया में यह खबर चलती रही कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुर्सी पर खतरा है।
रविवार को लखनऊ में हुई बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ साथ प्रदेश भाजपा संगठन से जुड़े पदाधिकारी और सरकार के मंत्री शामिल हुए। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी बैठक में शामिल हुईं। बताया जा रहा है कि करीब तीन हजार लोग बैठक में शामिल हुए। उत्तर प्रदेश की विस्तारित कार्य समिति की बैठक भी हुई, जिसमें चुनावी नतीजों पर चर्चा हुई साथ ही आगे की रणनीति भी तय की गई।
बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव भी मंजूर किया गया। इसमें कहा गया कि विपक्ष के झूठे प्रचार के कारण चुनाव में सफलता नहीं मिली। विपक्ष ने आरक्षण, संविधान पर भ्रम फैलाया। राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया- भाजपा ओबीसी और एससी आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। सपा सत्ता में आती है तो अपना असली चरित्र दिखाती है, सपा ने हमेशा आरक्षण और बाबा साहेब का विरोध किया। इसमें आगे कहा गया- हमें और अधिक सामर्थ्य के साथ एकजुट होना होगा।
हार के कारणों की समीक्षा से निकली बातों को इसमें शामिल करते हुए कहा गया- सरकारी भर्तियों या परीक्षाओं में रुकावट नहीं आनी चाहिए। शुचिता और पारदर्शिता जरूरी है। हम पेपर लीक की घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों को सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को मिसाल बताया गया। राहुल गांधी पर भी इसमें निशाना साधा गया और कहा गया- राहुल गांधी सत्ता में आ जाते तो हिंदू शब्द बोलने पर ही प्रतिबंध लगा देते, राहुल पूरे हिंदू समाज से माफी मांगे।
जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा- 90 बार कांग्रेस ने चुनी हुई सरकारों को गिराया है। ये आज प्रजातंत्र की दुहाई देने लगे हैं और संविधान के रक्षक बन गए हैं। उन्होंने राहुल, प्रियंका का नाम लिए बगैर उन्हें पढ़ा लिखा अनपढ़ बताया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- 2027 में भी भाजपा सरकार बनेगी। जो लोग उछलकूद करने का प्रयास कर रहे हैं और मुझे लगता है कि दोबारा इनको उछलकूद करने का मौका नहीं मिल पाएगा। योगी सरकार में मंत्री अनिल राजभर ने भाजपा के नेताओं के बगावती बयानों पर पार्टी के विधायकों को नसीहत दी। उन्होंने कहा- यह अनुशासनहीनता है। पार्टी ने सभी को मंच दिया। सरकार के खिलाफ बोलना ठीक नहीं है। गौरतलब है कि इस बैठक से एक दिन पहले भाजपा के एक विधायक ने कहा था कि अगर योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री रहे भाजपा 2027 में नहीं जीत पाएगी।