लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने गुरुवार को ‘पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ’ के संकल्प के साथ 20 जुलाई को आयोजित होने जा रहे वृक्षारोपण महाभियान को लेकर ग्राम पंचायत, पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष, नगर निगमों के महापौर आदि जनप्रतिनिधियों से वर्चुअली संवाद किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सात वर्ष में 168 करोड़ से अधिक पौधे रोपने (Planting Seedlings) का कार्य किया गया है। थर्ड पार्टी ऑडिट में इनमें से 75-80 फीसद पौधे सुरक्षित होने की पुष्टि हुई है। इस वर्ष की गर्मी और लंबे समय तक चले हीट वेब को कोई भूल नहीं पाएगा। भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं हो, इसके लिए 20 जुलाई का अभियान अत्यंत महत्वपूर्ण है।
20 जुलाई को एक बार फिर पूरा प्रदेश वृक्षारोपण के महाभियान से जुड़ने जा रहा है। इस बार हमारा लक्ष्य 36.50 करोड़ पौधे लगाने का है। यह बड़ा लक्ष्य है, इसमें सभी की सहभागिता जरूरी है। उन्होंने कहा कि महाभियान को सफल बनाने के लिए जनजागरूकता पहली आवश्यकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने हर देशवासी को ‘एक पेड़ मां के नाम’ लगाने की प्रेरणा दी है। उत्तर प्रदेश का हर नागरिक उनके भाव से जुड़कर इस वर्ष के ‘वन महोत्सव’ को अभूतपूर्व सफलता दिलाने में अपना योगदान करेगा। न केवल पेड़ लगाना है, बल्कि उसकी सुरक्षा भी हमारी जिम्मेदारी है। पीएम/सीएम आवास योजना के लाभार्थियों को सहजन का पौधा लगाने को दें।
सड़कों के किनारे-किनारे और डिवाइडर पर पौधे लगाए जा सकते हैं। नदियों के किनारे भी उपयुक्त स्थान पर पौधे लगाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि नदियों के किनारे, अमृत सरोवर (Amrit Sarovar) के पास पौधरोपण करें। पौधारोपण नदियों को सदानीरा बनाएगा। पीपल, पाकड़, जामुन, आम, नीम, गुटेल, बरगद, हरसिंगार, मौलश्री, चितवन, अर्जुन आदि के पौधे लगाएं। पाकड़ की तो टहनी भी लग जाती है। इसे निराश्रित गोआश्रय स्थल पर लगाया जा सकता है। पूर्वजों, महापुरुषों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, शहीदों की स्मृति में वाटिका बनाएं। पौधा लगाना जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही उसका संरक्षण। ऐसे में पौधारोपण के साथ ट्री-गार्ड भी लगाएं।
यह सुनिश्चित करें कि किस पौधे की देखभाल कौन करेगा-कैसे करेगा। उन्होंने कहा कि सेल्फी लें और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड भी करें। हमें वाटर लेवल को ठीक रखने के लिए जल संरक्षण का काम करना होगा। हर गांव में खाद का गड्ढा तैयार करने के भी प्रयास हों। सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) के उपयोग से हम सभी को परहेज करना होगा। पर्यावरण संरक्षण के लिए बीते सात वर्षों में हुए प्रयासों का ही परिणाम है कि उत्तर प्रदेश को 200 करोड़ रुपये कार्बन क्रेडिट के रूप में मिलने वाले हैं। इसका लाभ उन 25 हजार किसानों को मिलेगा, जिन्होंने इस अभियान में योगदान किया है।
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