राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

महाकुंभ में क्राउड मैनेजमेंट पर विशेष फोकस

Image Source: Google

प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को सभी के लिए सुगम बनाने हेतु सरकार लगातार कार्य कर रही है। इस महाआयोजन के दौरान 40 करोड़ से अधिक लोगों के प्रयागराज आने का अनुमान है। इसको लेकर मेला प्रशासन और जिला प्रशासन दोनों ने क्राउड मैनेजमेंट की तैयारी की है। खासतौर पर पीक डेज (प्रमुख स्नान) के दौरान अत्यधिक भीड़ (Extreme Crowd) के कारण कहीं कोई अव्यवस्था न हो, इसके लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। आने-जाने के अलग-अलग रास्ते निर्धारित किए गए हैं, जबकि मोबिलिटी जारी रहे, इसकी भी व्यवस्था की गई है। रास्ता जाम न हो, इसके लिए भी विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। कुल मिलाकर जो योजना बनी है, उसके अनुसार, श्रद्धालुओं को पीक डेज में एक से 5 किमी. और सामान्य दिनों में एक किमी. से ज्यादा पैदल यात्रा नहीं करनी होगी। प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत (Vijay Vishwas Pant) ने बताया कि इस सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में सिर्फ प्रदेश और देश से ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया से श्रद्धालुओं का बड़ा जत्था प्रयागराज पहुंचने वाला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि किसी भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। ऐसे में क्राउड मैनेजमेंट (Crowd Management) को लेकर एक कार्ययोजना बनाई गई है, जिसके अनुरूप व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि महाकुंभ के दौरान सर्वाधिक श्रृद्धालु सड़क मार्ग से प्रयागराज पहुंचेंगे। प्रशासन की ओर से सभी शहर के दिशाओं में पार्किंग की व्यवस्था की गई है, जहां वाहन खड़ा कर श्रद्धालु आगे का रास्ता तय करेंगे।

मेला क्षेत्र में हमने आने और जाने के अलग-अलग रास्ते निर्धारित किए हैं। आस्था की डुबकी लगाने वाले जिस रास्ते से जाएंगे, उस रास्ते से वापस नहीं लौटेंगे। उन्हें दूसरे रास्ते से होकर जाना होगा, ताकि कहीं भी श्रद्धालु आमने-सामने नहीं आ सकें। मंडलायुक्त ने बताया कि ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि श्रद्धालु कहीं एक साथ रुकें नहीं, वो चलते रहें। कहीं भी जाम की स्थिति नहीं बनने दी जाएगी। हमारा उद्देश्य है कि मेला क्षेत्र के साथ-साथ शहर में भी श्रद्धालुओं की मोबिलिटी को बरकरार रखा जाए, ताकि स्नान और दर्शन आदि करने के बाद वो सीधे पार्किंग स्थल पहुंचें और अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करें। इसी तरह, रेलवे से भी रिक्वेस्ट की गई है कि वो समय पर और अधिक स्पेशल ट्रेनें संचालित करें, ताकि श्रद्धालु अपना समय गंवाए बिना यात्रा को बरकरार रख सकें। रेलवे की ओर से पॉजिटिव रिस्पॉन्स भी मिला है और उन्होंने कई अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनें (Special Trains) संचालित करने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि यदि श्रद्धालु कुछ देर विश्राम करना चाहेंगे, तो उनके लिए कुछ होल्डिंग एरियाज भी चिह्नित किए गए हैं। महाकुंभ की शुरुआत के साथ ही प्रयागराज में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो जाएगा। प्रमुख स्नान के दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या कई करोड़ तक होगी। अनुमान है कि मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) को सर्वाधिक 4 से 5 करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए संगम नगरी आ सकते हैं। इसकी भी तैयारी की गई है। विजय विश्वास पंत ने बताया कि मौनी अमावस्या सबसे डेंसिटी वाला दिन होने की संभावना है।

Also Read : मेकअप आर्टिस्ट बनीं आलिया भट्ट

इसमें भी सुबह 3 से दोपहर 12 बजे का समय बहुत क्रिटिकल होगा, जब श्रद्धालु संगम का रुख करेंगे। वहीं 12 बजे के बाद उनका लौटना शुरू हो जाएगा। हमारी कोशिश उन्हें सुगमता से संगम क्षेत्र तक पहुंचाने और फिर पार्किंग स्थल तक वापस आने की सुविधा प्रदान करने की है। संगम में पवित्र डुबकी लगाने के बाद उन्हें तुरंत वापस भेजने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि जाम की स्थिति न बने। उन्हें पार्किंग स्थल (Parking Lot) तक पहुंचाने के बाद गंतव्य की ओर रवाना किया जाएगा। हमारी विभिन्न ट्रैफिक स्कीम तैयार है, इससे न ही श्रद्धालुओं को अव्यवस्था का सामना करना पड़ेगा और न ही मेला और शहर क्षेत्र में ट्रैफिक पैनिक की स्थिति होगी। मंडलायुक्त ने बताया कि इस महाकुंभ को स्वच्छ कुंभ बनाने के मुख्यमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। हमारा प्रयास है कि पूरे मेला क्षेत्र में किसी भी तरह की प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया जाएगा। इनके रिप्लेसमेंट ऑप्शन पर विचार किया जा रहा है। खासतौर पर इंदौर की बायो फ्रेंडली थैलियों (Bio Friendly Bags) का इस्तेमाल किया जाएगा। इसको लेकर हम व्यापारियों से भी संवाद करने वाले हैं। साथ ही लोगों और अधिकारियों को प्लास्टिक की बजाय, विभिन्न प्रकार के झोलों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें