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Ram Mandir Ayodhya: रामलला के मंदिर में एंड्रॉयड बैन, iPhone को हरी झंडी?

Ram Mandir AyodhyaImage Source: prabhat khabar

Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या के राम मंदिर में पुजारियों की ड्यूटी में बदलाव के साथ नए नियम लागू किए जा रहे हैं।

इन नियमों के तहत, मंदिर में पुजारियों द्वारा एंड्रॉयड फोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। हालांकि, आईफोन को लेकर फिलहाल कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।

मंदिर प्रशासन जल्द ही पुजारियों के लिए ड्रेस कोड लागू करने की भी तैयारी कर रहा है।

तकनीकी दृष्टि से, आमतौर पर आईफोन को एंड्रॉयड फोन की तुलना में अधिक सुरक्षित माना जाता है। लेकिन सवाल यह उठता है कि एंड्रॉयड फोन पर ही प्रतिबंध क्यों लगाया गया?

एंड्रॉयड फोन की कमजोर सुरक्षा और डेटा चोरी का जोखिम इसे प्रतिबंध के दायरे में लाता है।

वहीं, आईफोन अपनी सख्त सिक्योरिटी के कारण कई बार इस प्रकार के प्रतिबंधों से बच जाता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि राम मंदिर में आईफोन पर भी कोई फैसला लिया जाएगा या नहीं।

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एंड्रॉयड vs आईओएस: ऑपरेटिंग सिस्टम

आईफोन (iOS): iOS एक क्लोज सिस्टम है। इसका मतलब है कि एप्स को केवल एपल के ऐप स्टोर से ही डाउनलोड किया जा सकता है। एपल सभी एप्स की सख्त जांच करता है, जिससे मैलवेयर का खतरा बहुत कम हो जाता है।

एंड्रॉयड: एंड्रॉयड एक ओपन-सोर्स सिस्टम है। यूजर्स को एप्स इंस्टॉल करने की अधिक आजादी होती है, जैसे थर्ड-पार्टी एप स्टोर्स का उपयोग, हालांकि इससे मैलवेयर और वायरस का खतरा बढ़ जाता है।

सॉफ्टवेयर अपडेट

आईफोन (iOS): एपल अपने सभी डिवाइस के लिए नियमित और लंबे समय तक अपडेट देता है। यह सुनिश्चित करता है कि पुराने आईफोन भी लेटेस्ट सिक्योरिटी फीचर्स का उपयोग कर सकें और फोन सुरक्षित रहे।

एंड्रॉयड: एंड्रॉयड में अपडेट्स निर्माता कंपनी (जैसे सैमसंग, वनप्लस, शाओमी) पर निर्भर करते हैं। कई बार पुराने फोन को अपडेट नहीं मिलते, जिससे सिक्योरिटी रिस्क बढ़ जाता है।

डेटा एन्क्रिप्शन और प्राइवेसी

आईफोन (iOS): आईफोन डिफॉल्ट रूप से डेटा एन्क्रिप्ट करता है। एपल ने गोपनीयता को प्राथमिकता दी है और ट्रैकिंग को सीमित करने के लिए कई फीचर्स पेश किए हैं, जैसे एप ट्रैकिंग ट्रांसपेरेंसी।

एंड्रॉयड: एंड्रॉयड भी डेटा एन्क्रिप्शन प्रदान करता है, लेकिन यह फीचर फोन निर्माता और एंड्रॉयड वर्जन पर निर्भर करता है। गूगल के डेटा कलेक्शन के कारण प्राइवेसी को लेकर कई बार सवाल उठते हैं।

एप्स और स्टोर की सुरक्षा

आईफोन (iOS): एप स्टोर पर एपल द्वारा सख्त मॉडरेशन होता है। संदिग्ध एप्स को जल्दी से हटा दिया जाता है।
एंड्रॉयड: गूगल प्ले स्टोर पर एप्स की संख्या अधिक है, लेकिन कई बार फर्जी या हानिकारक एप्स की मौजूदगी की खबरें आती रहती हैं।

मालवेयर और साइबर अटैक का खतरा

आईफोन (iOS): iOS में मालवेयर का खतरा कम होता है क्योंकि यह बंद सिस्टम है।
एंड्रॉयड: ओपन-सोर्स सिस्टम होने के कारण एंड्रॉयड डिवाइस पर साइबर अटैक और मैलवेयर का खतरा ज्यादा होता है।

By NI Desk

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