गोंडा (उप्र)। गोंडा (Gonda) जिले में एक अदालत (court) ने करीब चार वर्ष पूर्व किशोर का अपहरण कर उसकी हत्या करने और साक्ष्य मिटाने के मामले में एक पति-पत्नी (husband wife) को दोषी (convict) करार देते हुए उम्र कैद (imprisonment) तथा 40-40 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) विनय कुमार सिंह ने मंगलवार को बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) पूजा सिंह ने रिकॉर्ड पर उपलब्ध साक्ष्यों तथा अभियोजन एवं बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद सोमवार को अपना फैसला सुनाया। अदालत ने मानिक राम और उसकी पत्नी सुशीला को दोषी ठहराते हुए उन्हें उम्र कैद और 40-40 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
सिंह के अनुसार, अदालत ने आदेश दिया कि जुर्माने की आधी रकम मृतक पंकज की मां फूलमता को प्रदान की जाएगी। घटना के बारे में उन्होंने बताया कि जिले के छपिया थाना क्षेत्र के हथियागढ़ निवासी राम प्रसाद ने थाने में तहरीर दी थी कि उसका 15 साल का बेटा पंकज कुमार 30 जनवरी 2019 की शाम से लापता है और उसका मोबाइल फोन भी बंद है। दो फरवरी, 2019 को पंकज का शव रामधीरज जायसवाल के खेत के पास कुएं में पड़ा होने की सूचना मिली।
उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर हत्या कर साक्ष्य गायब करने का अभियोग दर्ज किया गया और मामले जी जांच करते हुए मानिक राम और उसकी पत्नी सुशीला को किशोर की हत्या कर साक्ष्य छिपाने का आरोपी बनाया गया। पुलिस ने दोनों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। (भाषा)