mahakumbh 2025: मौनी अमावस्या के मौके पर मंगलवार की रात महाकुंभ में मची भगदड़ और अनेक लोगों की मौत के बाद गुरुवार को महाकुंभ में शांति रही क्योंकि लोगों की भीड़ काफी कम हो गई थी।
लेकिन महाकुंभ के बाहर चौतरफा अव्यवस्था दिखाई दी। प्रयागराज शहर में गाड़ियों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है।
प्रयागराज से लगते जिलों की सीमा सील कर दी गई है, जिससे हर जगह हजारों की संख्या में गाड़ियां फंसी हैं।
प्रयागराज से भदोही और वाराणसी जाने वाले रास्ते पर गुरुवार को कम से कम 20 किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ था। हजारों गाड़ियां इसमें फंसी हैं।
ज्यादातर में श्रद्धालु हैं, जो मौनी अमावस्या के बाद स्नान के लिए आए हैं। वे स्नान के लिए प्रयाग जाने पर अड़े हैं लेकिन पुलिस जाने नहीं दे रही है।(mahakumbh 2025)
इसी तरह प्रयागराज से चित्रकूट के रास्ते में भी 20 किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है। प्रयागराज से कौशांबी की सीमा पर भी कई किलोमीटर लंबा जाम है और हजारों गाड़ियां फंसी हैं।
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सड़कों पर फंसे लोगों की स्थानीय लोग मदद कर रहे हैं। लेकिन पुलिस उसमें भी बाधा डाल रही है।
इसे लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया और लिखा, ‘ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो लोग महाकुंभ में फंसे लोगों के लिए भोजन पानी की व्यवस्था कर रहे है, उनके सद्प्रयासों के ऊपर राजनीतिक विद्वेष वश मिट्टी डाल दी जा रही है। जनता संज्ञान ले’।
इस बीच गुरुवार को मेला क्षेत्र के सेक्टर 22 में कई पंडाल जल गए। फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पा लिया।(mahakumbh 2025)
जहां आग लगी है, वहां लोग नहीं थे, इसलिए जनहानि नहीं हुई। इससे पहले 19 जनवरी को आग में 180 पंडाल जले थे।
गौरतलब है कि मौनी अमावस्या पर मंगलवार की आधी रात के बाद भगदड़ मच गई थी। हादसे में सरकार की ओर से अब तक 30 मौतों की पुष्टि की गई है।
इस बीच सरकार ने 2019 में कुंभ में तैनात रहे दो अधिकारियों, आईएएस आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को तत्काल प्रयागराज बुलाया है, ताकि व्यवस्थाएं और बेहतर की जा सकें।
उधर भगदड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगने और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई है।(mahakumbh 2025)