लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक सत्संग के दौरान हुई भगदड़ के मामले की जांच के लिए बनी विशेष जांच टीम यानी एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। हादसे के चार दिन बाद तक सत्संग करने वाले बाबा का अता पता नहीं है। बाबा के कुछ सेवादार गिरफ्तार हुए हैं लेकिन पुलिस मुख्य सेवादार और मुख्य आयोजक के अभी तक तलाश नहीं कर पाई है। उससे पहले एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है, जिसमें हादसे को लापरवाही और बदइंतजामी का नतीजा कहा गया है।
एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सत्संग में बड़ी तादाद में आने वाले श्रद्धालु ज्यादातर नए थे। इसमें कहा गया है कि श्रद्धालु बाबा को देखने के लिए बढ़े, इसी दौरान भीड़ अनियंत्रित हो गई। रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि भगदड़ लापरवाही और बदइंतजामी की वजह से हुई। यह कहा गया है कि कार्यक्रम की अनुमति के वक्त आयोजन समिति ने अपने स्तर पर आश्वासन दिया था कि सुरक्षा व्यवस्था सही तरीके से होगी।
एसआईटी के प्रमुख अनुपम कुलश्रेष्ठ ने शुक्रवार को कहा कि 90 बयान दर्ज किए गए, सबूतों से आयोजकों के दोषी होने का पता चलता है। उन्होंने कहा कि साजिश के पहलू से इनकार नहीं किया जा सकता है। दोषी लोगों पर निश्चित रूप से कानूनी कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि इस मामले में हाथरस पुलिस ने गुरुवार को छह स्वयंसेवकों यानी सत्संग आयोजन समिति के सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस बता रही है कि जल्दी ही और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।