नई दिल्ली। बनारस की ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ी दो याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट एक साथ सुनवाई करेगी। सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को ज्ञानवापी तहखाने में पूजा पाठ के खिलाफ मसाजिद इंतजामिया कमेटी की याचिका स्वीकार कर ली। इस मामले पर अदालत ने कहा- पूजा को रोकने के लिए एक याचिका पहले से लंबित है। दूसरी मुस्लिम पक्ष ने आज दायर की। हम नई और पुरानी याचिका को एक साथ सुनेंगे। gyanvapi mosque
इससे पहले, मस्जिद कमेटी ने 26 फरवरी को ज्ञानवापी तहखाने में हिंदुओं के पूजा पाठ पर रोक लगाने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसी फैसले के खिलाफ मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिक दायर की।
हाई कोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने दलील दी थी कि तहखाना लंबे समय से उनके अधिकार क्षेत्र में रहा है। यह ज्ञानवापी का हिस्सा है और उसमें डीएम सहित प्रशासन ने जल्दबाजी में पूजा शुरू करा दी। जबकि इसके लिए समय था। पूजा तुरंत रोकनी चाहिए।
इस याचिका पर हाई कोर्ट ने कहा था- राज्य सरकार 1993 से ही व्यास परिवार और श्रद्धालुओं को पूजा करने से रोकती आई है। राज्य सरकार ने लगातार गलत किया है। तहखाने में पूजा पाठ को रोकना श्रद्धालुओं के हित के खिलाफ होगा। हाई कोर्ट ने 1993 में व्यास तहखाने में पूजा रोकने के सरकार के कदम को अवैध बताया। हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने हाई कोर्ट के 19 दिसंबर के उस आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मसाजिद वाराणसी की ओर से दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई की।
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