राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

यूपी में बीते छह साल में कोई किसान नहीं हुआ आत्महत्या के लिए मजबूर: योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सोमवार को सहकारी गन्ना एंव चीनी मिल समितियों में स्थापित फार्म मशीनरी बैंकों के लिए 77 ट्रैक्टरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में बीते छह साल में एक भी किसान आत्महत्या (Suicide) के लिए मजबूर नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब प्रदेश के गन्ना किसान खेतों में ही अपनी फसल को जलाने के लिए मजबूर था। उसे ना समय से सिंचाई के लिए पानी मिलता था ना बिजली उपलब्ध कराई जाती थी और तो और समय से उनकी बकाया धनराशि का भुगतान भी नहीं किया जाता था। मगर आज का दिन गन्ना किसानों के लिए ऐतिहासिक होने जा रहा है, जब होली की पूर्व संध्या पर सोमवार को दो लाख करोड़ की धनराशि किसानों के बैंक खातों में सीधे डीबीटी के माध्यम से भेजी गई।

हमने गन्ना किसानों को दलालों के चंगुल से मुक्त कराया है, आज किसानों को पर्ची के लिए इधर उधर भटकना नहीं पड़ता और उनकी पर्ची उनके स्मार्टफोन में आ जाती है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की 77 गन्ना समितियों को ट्रैक्टर (Tractor) और मशीनरी (Machinery) उपलब्ध कराई जा रही है। होली (Holi) की पूर्व संध्या पर इस प्रकार का उपहार मिलना हमारे गन्ना किसानों की होली की खुशी को दोगुनी कर देगा। हम सब जानते हैं कि पहले गन्ना किसानों की क्या हालत हुआ करती थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद पहली बार किसान किसी सरकार (Government) के एजेंडे का हिस्सा बना और ईमानदारी से शासन की योजनाओं का लाभ उसे मिलना शुरू हुआ। स्वाएल हेल्थ कार्ड, किसान बीमा योजना (Farmers Insurance Scheme), कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ आज हर उस किसान को उपलब्ध कराया जा रहा है, जो पहले साहूकारों पर निर्भर होता था।

ये भी पढ़े- http://छत्तीसगढ़ में बेरोजगारों को 25 सौ रूपए मिलेगा बेरोजगारी भत्ता

मुख्यमंत्री ने बताया कि आज प्रदेश में 2.60 करोड़ किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की सुविधा का लाभ ले रहे हैं। हमने पिछले साढ़े तीन वर्ष के अंदर 51 हजार करोड़ की राशि उनके खाते में पहुंचाने का काम किया है। सीएम ने कहा कि किसान केवल किसान होता है, उसका कोई जाति, मत, मजहब नहीं होता। हम सभी जानते हैं कि प्रदेश में 2017 से पहले क्या स्थिति थी। ना सिंचाई के लिए पानी मिलता था ना बिजली। सिंचाई परियोजनाएं जहां की तहां पड़ी थीं। आज हमने 22 लाख हेक्टेयर भूमि तक सिंचाई की सुविधा पहुंचाई है। पहले समय पर पानी, खाद और उपज का सही मूल्य न मिलने के कारण खेती घाटे का सौदा मानी जाती थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यूपी देश में नया रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। पहली बार दो लाख करोड़ से अधिक की राशि का गन्ना भुगतान किसानों के बैंक खातों में पहुंच रही है।

देश के कई राज्य ऐसे हैं जिनका वार्षिक बजट भी दो लाख करोड़ नहीं है। सीएम ने कहा कि हमारे गन्ना किसानों का ये पुरुषार्थ ही है कि वह प्रति हैक्टर अतिरिक्त 10 टन गन्ना का उत्पादन कर रहा है। इसके अलावा प्रदेश में आज 8 लाख हैक्टेयर अतिरिक्त भूमि पर गन्ना का दायरा बढ़ा है। पिछली सरकारों में जहां चीनी मिलें (Sugar Mill) बंद कर दी जाती थीं या औने पौने दामों पर बेच दी जाती थीं, मगर हमने किसी चीनी मिल को बंद नहीं कराया, बल्कि बंद चीनी मिलों को दोबारा शुरू कराने का कार्य किया। मुंडेरवा और पिपराइच चीनी मिलों को दोबारा से क्रियाशील किया गया। जब दुनिया की चीनी मिलें बंद हो गईं, उस वक्त भी यूपी में 119 चीनी मिलें चल रही थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले किसान अपने खेतों में गन्ना जलाने के लिए मजबूर किये जाते थे। आज जबतक किसानों के खेत में एक भी गन्ना है, तबतक चीनी मिलें चलाई जाती हैं।

कोरोना काल में प्रदेश की चीनी मिलें सप्लाई चेन चलाकर किसानों के गन्नों की पेराई कर रही हैं। यही नहीं जब देशभर में सेनेटाइजर (Sanitizer) की कमी हुई तब यूपी के सभी नगर निगमों को फ्री में हमने इन्हीं चीनी मिलों के जरिए सेनेटाइजर उपलब्ध कराया, इसके साथ ही देश के 27 राज्यों को भी सेनेटाइजर उपलब्ध कराया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 6 साल में यूपी में किसी किसान के सामने आत्महत्या (Suicide) करने की नौबत नहीं आई। हमने गन्ना मूल्य का भुगतान समय पर किया, साथ ही समय पर गेहूं और धान का क्रय समर्थन मूल्य से अधिक पर किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के अंदर सर्वाधिक ग्रीन एथनॉल (Green Ethanol) हमारे गन्ना किसानों के माध्यम से उत्पादित हो रहा है। पहले हमारा ही पैसा पेट्रो डालॅर के नाम पर बाहर जाता था और हमारे ही खिलाफ आतंकवाद के रूप में खर्च होता था।

मगर अब एथनॉल किसानों के खेत में गन्ना के रूप में पैदा हो रहा है और जल्द यही डीजल और पेट्रोल के रूप में उपयोग में आता दिखाई देगा। सीएम ने बताया कि यूपी में आज सर्वाधिक एथनॉल उत्पादन होता है। आज मैकेनाइज फामिर्ंग कर के हमारे किसान आगे बढ़ रहे हैं। इसके अलावा सह-फामिर्ंग का उपयोग एफपीओ (FPO) के माध्यम से हो रहा है। इससे खेत की उर्वरता भी बढ़ रही है किसानों का मुनाफा भी। मुख्यमंत्री ने बिजनौर के प्रगतिशील किसान का उदाहरण दिया कि कैसे वह अपना गन्ना चीनी मिलों को ना देकर, सिरका बनाता है और मार्केटिंग के जरिए देश विदेश में एक्सपोर्ट कर रहा है। (आईएएनएस)

By NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *