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ब्रजभूषण के बेटे को टिकट

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी को अंततः बृजभूषण शरण सिंह के सामने समझौता करना पड़ा। पार्टी ने लंबी जद्दोजहद के बाद यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दे दिया है। महिला पहलवानों का यौन शोषण करने के आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के एक हाथ से भाजपा ने टिकट छीनी और दूसरे हाथ में पकड़ा दी। यानी उनकी टिकट काट कर उनके बेटे को टिकट दे दी। माना जा रहा है कि कैसरगंज के सांसद बृजभूषण शरण सिंह का असर पूर्वी उत्तर प्रदेश की छह सीटों पर है। इसके अलावा भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजपूतों की नाराजगी झेल चुकी है। इसलिए उसने समझौता करना बेहतर समझा।

बहरहाल, भाजपा ने गुरुवार को कैसरगंज सीट से करण भूषण सिंह को उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया। करण भूषण उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। वे भारतीय कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष भी थे, लेकिन पिता के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने भी पद छोड़ दिया था। गौरतलब है कि कैसरगंज में तीन मई नामांकन की आखिरी तारीख है। उससे एक दिन पहले दो मई को टिकट की घोषणा हुई। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को करण नामांकन करेंगे। उनके प्रतिनिधि जगन्नाथ तिवारी ने गुरुवार को कैसरगंज से नामांकन के चार सेट खरीदे।

जानकार सूत्रों के मुताबिक गुरुवार की सुबह बृजभूषण शरण सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात की थी और शाह ने करण भूषण सिंह के नामांकन की तैयारी करने को कहा था। इस बीच महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न को लेकर बृजभूषण सिंह के खिलाफ आवाज उठाने वाली साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान ने भाजपा के फैसले पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है- बृजभूषण के बेटे को लोकसभा टिकट देना लोगों को गुमराह करने जैसा है। असली राज तो वही करेगा। अगर ब्रजभूषण के बेटे को टिकट देना ही था तो केंद्र सरकार पहले बृजभूषण को गिरफ्तार करती और फिर उनके बेटे को प्रत्याशी घोषित करती। या फिर ब्रजभूषण के किसी नजदीकी की जगह अन्य उम्मीदवार को मैदान में उतारती, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

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