बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच में घाघरा नदी (Ghaghra River) का जलस्तर बढ़ने के बाद एक टापू पर फंसे किसानों को बचा लिया गया है। नदी के बीच फंसे किसानों को बचाने के लिए शुक्रवार शाम से ही रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा था, जो शनिवार सुबह संपन्न हुआ। दरअसल, सभी किसान घाघरा नदी के बीच अपने खेतों में काम करने के लिए गए थे। तभी घाघरा नदी में ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया और इसके चलते किसान वहीं फंस गए। वहीं, प्रशासन की ओर से रेस्क्यू (Rescue) चलाकर सभी किसानों को सुरक्षित बचा लिया गया। ग्रामीणों ने बताया कि सुजौंली इलाके के चहलवा में वह खेती के लिए गए थे। तभी अचानक बाढ़ (Flood) आ गई और वह खेतों में ही फंस गए। लेकिन बाद में उन्होंने एक टापू पर पनाह ली और प्रशासन की मदद से उन्हें बचा लिया गया। उपजिलाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि शुक्रवार शाम को सूचना मिली थी कि कुछ लोग घाघरा नदी के बीच एक टापू पर फंस गए हैं।
इसके बाद मौके पर एनडीआरएफ (NDRF) और सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force) की टीम भेजी गई। शुक्रवार देर रात तक 63 लोगों को बचाया गया। साथ ही 55 लोगों को शनिवार सुबह तक निकाल लिया गया। उन्होंने कहा कि शुक्रवार शाम को चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh बैराज से घाघरा नदी में ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। 114 किसान खेती करते वक्त चहलवा में घाघरा नदी के बीच फंस गए थे। देर रात तक 63 लोगों को बचाया गया था, लेकिन बढ़ते जलस्तर की वजह से 55 लोग टापू पर ही फंसे रहे। इस दौरान प्रशासन ने उन्हें वहां से निकालने के लिए एनडीआरएफ टीम (NDRF Team) और सीमा सुरक्षा बल की मदद ली। आपको बता दें कि नेपाल में पहाड़ों पर जमकर बारिश हो रही है। इसके चलते नेपाल की ओर से लगातार नदियों में पानी छोड़ा जा रहा है। इसका असर नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में देखने को मिल रहा है।
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