बेंगलुरु। स्पेशल कोर्ट ने शनिवार को कर्नाटक के पूर्व मंत्री बी. नागेंद्र (B Nagendra) को 18 जुलाई तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया। कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि (Maharishi Valmiki) अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड (केएमवीएसटीडीसी) में करोड़ों रुपये के घोटाले के सिलसिले में उन्हें शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। शनिवार को स्पेशल कोर्ट के जज संतोष गजानन भट के सामने बी. नागेंद्र को पेश किया गया। इस दौरान नागेंद्र ने कहा कि उन्हें कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं। इसके बाद जज ने ईडी (ED) अधिकारियों को आदेश दिया कि पूछताछ के दौरान उन्हें 30 मिनट का आराम दिया जाए और हर दिन उनकी मेडिकल जांच कराई जाए।
ईडी के अधिकारियों ने 40 घंटे की छापेमारी के बाद शुक्रवार को नागेंद्र को गिरफ्तार किया था। राज्य भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र (BY Vijayendra) ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मामला नागेंद्र की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं रहेगा, इसमें बड़े लोग भी शामिल हैं और उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) ने बी नागेंद्र की गिरफ्तारी को लेकर कहा था कि उन्हें हिरासत में लेना जरूरी नहीं था क्योंकि एसआईटी पहले से ही मामले की जांच कर रही है। सीबीआई भी मामले की जांच कर रही है। कर्नाटक सरकार की ओर से गठित एसआईटी ने घोटाले के सिलसिले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।
जिसमें यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank Of India) के वरिष्ठ अधिकारी, बोर्ड के अधिकारी, बिचौलिए, नागेंद्र और केएमवीएसटीडीसी के अध्यक्ष एवं कांग्रेस विधायक बसनगौड़ा दद्दाल (Basanagouda Daddal) के सहयोगी शामिल हैं। कथित अनियमितताएं तब सामने आईं जब बोर्ड के एक वरिष्ठ कर्मचारी चंद्रशेखरन ने आत्महत्या का कदम उठाया। उन्होंने अपने नोट में एक मंत्री की भूमिका और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए निर्धारित भारी धनराशि के अवैध हस्तांतरण का जिक्र किया है।
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