नई दिल्ली। निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में देश भर में 100 नए सैनिक स्कूल स्थापित करने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने सोमवार को राजस्थान की राजधानी जयपुर में सैनिक स्कूल का औपचारिक उद्घाटन किया। रक्षा मंत्रालय ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि मंत्रालय ने राज्य सरकारों, गैर सरकारी संगठनों और निजी स्कूलों के साथ सहयोग से इन 100 स्कूलों में से 45 को मंजूरी दे दी है और इनमें से चालीस स्कूलों का संचालन शुरू हो गया है। सैनिक स्कूल (Sainik School) जयपुर इन 40 स्कूलों में से एक है। रक्षा मंत्री ने विश्वास जताया कि यह स्कूल राज्य के देशभक्त युवाओं के लिए वरदान साबित होगा क्योंकि उन्हें सशस्त्र बलों में शामिल होने और राष्ट्र की सेवा करने के लिए उचित मार्गदर्शन तथा आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा राजस्थान महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान, महाराज सूरजमल और सवाई जय सिंह जैसे शूरवीरों की भूमि है। ये युवा पीढ़ी के लिए सेना में शामिल होने के लिए प्रेरणा हैं। यह नया सैनिक स्कूल उन्हें अपनी मातृभूमि की सेवा करने की दिशा प्रदान करेगा।
श्री सिंह ने कहा कि पीपीपी-मॉडल (PPP-Model) को आम तौर पर ‘सार्वजनिक-निजी भागीदारी’ के रूप में माना जाता है, लेकिन यह सहयोग अब अपनी मानक परिभाषा से दूर जा रहा है, और अब इसे ‘निजी-सार्वजनिक-साझेदारी’ के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा “निजी क्षेत्र अब देश की अर्थव्यवस्था के चालक की सीट पर है, जो कृषि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इन नए सैनिक स्कूलों के माध्यम से, निजी और सार्वजनिक क्षेत्र एक साथ आएंगे और हमारी भावी पीढ़ियों को सर्वोत्तम शिक्षा प्रदान करेंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि मौजूदा सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी (Upendra Dwivedi) और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी सैनिक स्कूल, रीवा के प्रतिभाशाली छात्र हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ सशस्त्र बल ही नहीं, सैनिक स्कूलों के छात्र कोई अन्य करियर चुन सकते हैं और अपने तरीके से देश की सेवा कर सकते हैं। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे कभी हार न मानें और अपने इच्छित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करते रहें। साझेदारी मोड में चलाए जाने वाले 100 नए सैनिक स्कूल मौजूदा 33 सैनिक स्कूलों से अलग हैं जो पहले से ही पूर्ववर्ती पैटर्न के तहत काम कर रहे हैं। ये नए स्कूल, संबंधित शिक्षा बोर्डों (Education Boards) से संबद्धता के अलावा, सैनिक स्कूल सोसायटी के तत्वावधान में कार्य करेंगे और इसके नियमों और विनियमों का पालन करेंगे।
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वे अपने नियमित संबद्ध बोर्ड पाठ्यक्रम के अलावा, सैनिक स्कूल पैटर्न के छात्रों को अकादमिक प्लस पाठ्यक्रम की शिक्षा प्रदान करेंगे। इस पाठ्यक्रम में लैंगिक समानता और पर्यावरण संरक्षण, कौशल-आधारित प्रशिक्षण, पाठ्येतर गतिविधियाँ, सामुदायिक सेवा, शारीरिक प्रशिक्षण, एनसीसी, पर्यटन और भ्रमण और प्रेरक वार्ता जैसी मूल्य-आधारित पहल शामिल हैं। अकादमिक प्लस पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों का समग्र विकास सुनिश्चित करना है ताकि उन्हें राष्ट्र की प्रगति में योगदान देने वाला सदस्य बनाया जा सके। सैनिक स्कूल सोसायटी, रक्षा मंत्रालय ने पिछले वर्ष सितंबर में भवानी निकेतन पब्लिक स्कूल, जयपुर में नए सैनिक स्कूल की स्थापना के लिए श्री भवानी निकेतन शिक्षा समिति (Bhawani Niketan Education Society) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और युवा मामले एवं खेल मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ (सेवानिवृत्त) सैनिक स्कूल, जयपुर के उद्घाटन अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में से थे।